गुजरात के कच्छ अंचल में लगभग 120 बाल विवाह होने का मामला प्रकाश में आया है। ये विवाह आयोजन गुरुवार मध्य रात्रि से शुक्रवार सुबह तक आहीर समाज के छह गांवों में हुए। इनमें सर्वाधिक करीब 90 बाल विवाह राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री वासणभाई आहीर के रतनाल गांव में हुए। आहीर भुज से भाजपा विधायक हैं।
कच्छ के आहीर समाज में गुरुवार को अंधारी तेरस मनाई गई। इस तिथि को किसी भी शुभ कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है। लिहाजा बड़े पैमाने पर शादियों के आयोजन भी होते हैं। इस मौके पर दिव्य भास्कर की टीम ने क्षेत्र के ढोरी, समुरासर, लोढ़ाई, खेंगौर, रतनाल आदि गांवों का दौरा किया। लगभग सभी गांवों में बाल विवाह के आयोजन हो रहे थे। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ज्यादातर स्थानों पर घरों के भीतर ही शादी की सभी रस्में हुईं। मेहमानों में भी सिर्फ कुल-परिवार के लोग ही मौजूद रहे।
मंत्री ने कहा था-मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी
कच्छ के आहीर समाज में चार उपजातियां हैं। मच्छोया, बोरिया, सोरठिया व प्रांथलिया। इनमें से प्रांथलिया जाति में बाल विवाह का चलन अब भी जारी है। सूत्रों के अनुसार करीब 10 दिन पहले रतनाल में समाज की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी। इसमें बाल विवाह के आयोजन को लेकर आशंकाएं जताई गई थीं। इस दौरान राज्यमंत्री वासणभाई ने साफ कहा था कि अगर आयोजन को लेकर कोई झमेला हुआ तो 'मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।'
मंत्री बोले हलो...हलो और मोबाइल स्विच ऑफ
राज्यमंत्री वासणभाई से उनके गांव में हुए बाल विवाह को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई। उन्होंने शुरुआती बातचीत तो सहज ढंग से की। लेकिन जैसे ही मुद्दे से संबंधित सवाल किया गया उन्होंने हलो...हलो कह कर फोन काट दिया। इसके बाद उनका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बताता रहा।
भुज. गुजरात के कच्छ में लगभग 120 बाल विवाह होने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें से 90 विवाह राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री वासणभाई आहीर के गांव में हुआ।
कच्छ के आहीर समाज में गुरुवार को अंधारी तेरस मनाई गई। इस तिथि को किसी भी शुभ कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है। लिहाजा बड़े पैमाने पर शादियों के आयोजन भी होते हैं। इस मौके पर दिव्य भास्कर की टीम ने क्षेत्र के ढोरी, समुरासर, लोढ़ाई, खेंगौर, रतनाल आदि गांवों का दौरा किया। लगभग सभी गांवों में बाल विवाह के आयोजन हो रहे थे। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ज्यादातर स्थानों पर घरों के भीतर ही शादी की सभी रस्में हुईं। मेहमानों में भी सिर्फ कुल-परिवार के लोग ही मौजूद रहे।
मंत्री ने कहा था-मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी
कच्छ के आहीर समाज में चार उपजातियां हैं। मच्छोया, बोरिया, सोरठिया व प्रांथलिया। इनमें से प्रांथलिया जाति में बाल विवाह का चलन अब भी जारी है। सूत्रों के अनुसार करीब 10 दिन पहले रतनाल में समाज की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी। इसमें बाल विवाह के आयोजन को लेकर आशंकाएं जताई गई थीं। इस दौरान राज्यमंत्री वासणभाई ने साफ कहा था कि अगर आयोजन को लेकर कोई झमेला हुआ तो 'मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।'
मंत्री बोले हलो...हलो और मोबाइल स्विच ऑफ
राज्यमंत्री वासणभाई से उनके गांव में हुए बाल विवाह को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई। उन्होंने शुरुआती बातचीत तो सहज ढंग से की। लेकिन जैसे ही मुद्दे से संबंधित सवाल किया गया उन्होंने हलो...हलो कह कर फोन काट दिया। इसके बाद उनका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बताता रहा।
भुज. गुजरात के कच्छ में लगभग 120 बाल विवाह होने का मामला प्रकाश में आया है। इसमें से 90 विवाह राज्य के समाज कल्याण राज्यमंत्री वासणभाई आहीर के गांव में हुआ।
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