हथियार प्रकरण: 74 अफसर दोषी
जयपुर/श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले में सेना के 74 अधिकारियों को अवैध रूप से सेना के हथियार बेचने का दोषी पाया गया है। सेना ने इनमें 33 के खिलाफ दंडात्मक व अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और बाकी के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
मामले में राज्य के कई अफसर भी लिप्त थे। रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने सांसद बुधदेव चौधरी के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। श्रीगंगानगर में 2002 से 2004 के बीच हथियारों की बिक्री का यह मामला सामने आया था। इसके बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया था।
छह माह से अभियोजन स्वीकृति नहीं
श्रीगंगानगर हथियार प्रकरण में फंसे राज्य के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गेंद छह माह से सरकार के पाले में अटकी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच में दोषी पाए गए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 4 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए कार्मिक विभाग को भेजे थे, लेकिन छह माह से स्वीकृति न मिलने से एसीबी इनके खिलाफ चालान पेश नहीं कर पाई है। चार अन्य मामलों में भी एसीबी ने जांच पूरी कर ली है और जल्दी ही चालान पेश किया जाएगा। जांच अधिकारी ने बताया कि मामले में श्रीगंगानगर कलक्टर रहे कुंजीलाल मीणा, सूरजमल मीणा एवं रामवतार रघुवंशी के खिलाफ भी जांच चल रही है। इनमें से सूरजमल एवं रामवतार सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच में श्रीगंगानगर के तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र शेखर मक्कड़, लालचंद ओझा, जेपी बुनकर व हरलाल सहारण तथा अन्य लोगों को दोषी पाया था। प्रशासनिक सेवा में होने के कारण मक्कड़, ओझा, बुनकर एवं सहारण के खिलाफ चालान से पहले स्वीकृति अनिवार्य होने के कारण मामले कार्मिक विभाग के पास भेजे गए थे।
जयपुर/श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले में सेना के 74 अधिकारियों को अवैध रूप से सेना के हथियार बेचने का दोषी पाया गया है। सेना ने इनमें 33 के खिलाफ दंडात्मक व अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और बाकी के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
मामले में राज्य के कई अफसर भी लिप्त थे। रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने सांसद बुधदेव चौधरी के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। श्रीगंगानगर में 2002 से 2004 के बीच हथियारों की बिक्री का यह मामला सामने आया था। इसके बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया था।
छह माह से अभियोजन स्वीकृति नहीं
श्रीगंगानगर हथियार प्रकरण में फंसे राज्य के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गेंद छह माह से सरकार के पाले में अटकी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच में दोषी पाए गए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 4 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए कार्मिक विभाग को भेजे थे, लेकिन छह माह से स्वीकृति न मिलने से एसीबी इनके खिलाफ चालान पेश नहीं कर पाई है। चार अन्य मामलों में भी एसीबी ने जांच पूरी कर ली है और जल्दी ही चालान पेश किया जाएगा। जांच अधिकारी ने बताया कि मामले में श्रीगंगानगर कलक्टर रहे कुंजीलाल मीणा, सूरजमल मीणा एवं रामवतार रघुवंशी के खिलाफ भी जांच चल रही है। इनमें से सूरजमल एवं रामवतार सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच में श्रीगंगानगर के तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र शेखर मक्कड़, लालचंद ओझा, जेपी बुनकर व हरलाल सहारण तथा अन्य लोगों को दोषी पाया था। प्रशासनिक सेवा में होने के कारण मक्कड़, ओझा, बुनकर एवं सहारण के खिलाफ चालान से पहले स्वीकृति अनिवार्य होने के कारण मामले कार्मिक विभाग के पास भेजे गए थे।
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