सोमवार, 30 अप्रैल 2012

बीएसएफ ने रचा इतिहासः महिला सिपाहियों ने मारा घुसपैठिया

अमृतसर. बीएसएफ की महिला प्रहरियों ने रविवार दोपहर सरहद पार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी नागरिक को मार गिराया। बीएसएफ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब महिला सुरक्षाकर्मियों ने दिलेरी दिखाते हुए दुश्मन को मौके पर ही ढेर कर दिया। 
डीआईजी पीएस बैंस के मुताबिक, सिपाही रीना और आरती डेरा बाबा नानक के बीपी नंबर 42-17 पर तैनात थीं। इसी दौरान उन्हें तार के पार गेहूं की फसल के बीच हलचल दिखाई दी। दोनों प्रहरियों ने ललकारा तो सामने से घुसपैठिया ने उन्हें डराने का प्रयास किया। जवाब में सिपाहियों ने फायरिंग कर दी। घुसपैठिया मौके पर ही ढेर हो गया।

महिलाओं की दिलेरी के आगे दुश्मन ढेर

बीएसएफ की महिला कांस्टेबलों द्वारा पाकिस्तानी घुसपैठ को मार गिराना अपने आप में एक बड़ी बात है। इससे साफ है कि बॉर्डर पर तैनात महिला कर्मी भी दुश्मन का डटकर सामना करने की ताकत रखती हैं। पत्रकारों को संबोधित करते हुए बीएसएफ के डीआईजी पीएस बैंस ने बताया कि डीबीएन पोस्ट की बुर्जी नंबर 42 से पाकिस्तान की तरफ से एक व्यक्ति सीमा पार करके भारत में दाखिल हो रहा था, जिसको बीएसएफ 74 बटालियन की महिला कांस्टेबल रीना कुमारी और आरती ने मार गिराया। हमें रीना और आरती पर गर्व है कि उन्होंने बहादुरी से दुश्मन का सामना किया और उसे मार गिराया। दोनों ने साबित कर दिया है कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं होती।

बहादुरी का मिलेगा सम्मान

डीआईजी बैंस ने बताया कि बीएसएफ में महिला प्रहरियों की तैनाती 2008-09 में हुई थी और तब से लेकर आज तक ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ, जिसमें इन्होंने हथियारों का प्रयोग किया हो। इन लड़कियों ने देश के प्रति जो जज्बा दिखाया है वह सराहनीय और प्रेरणादायक है। इसकी जानकारी अन्य महिला सुरक्षा कर्मियों को भी दी जाएगी ताकि भविष्य में वह भी देश के लिए ऐसा ही कुछ कर दिखाएं। दोनों को बहादुरी का उचित मान-सम्मान दिया जाएगा।

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