निर्मल बाबा मामले में फैसला सुरक्षित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने आध्यात्मिक गुरू होने का दावा करने वाले निर्मलजीत सिंह उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के एक मामले में सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रहलाद टंडन ने याची की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
कक्षा बारह की छात्रा तनया और कक्षा दस के छात्र आदित्य ठाकुर ने निर्मल बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए याचिका दायर की थी। मजिस्ट्रेट ने दलील सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रखा। दलील में कहा गया कि निर्मल बाबा जिस तरह से सरल समाधान देकर लोगों को ठगते हैं वह धारा 417 ए , 419 ए और 420 के तहत धोखाधड़ी और धारा 509 के तहत नाराजगी का भय दिखाना है। तनया और आदित्य ने गोमती नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था जिसे नकार दिया गया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने आध्यात्मिक गुरू होने का दावा करने वाले निर्मलजीत सिंह उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के एक मामले में सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रहलाद टंडन ने याची की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
कक्षा बारह की छात्रा तनया और कक्षा दस के छात्र आदित्य ठाकुर ने निर्मल बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए याचिका दायर की थी। मजिस्ट्रेट ने दलील सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रखा। दलील में कहा गया कि निर्मल बाबा जिस तरह से सरल समाधान देकर लोगों को ठगते हैं वह धारा 417 ए , 419 ए और 420 के तहत धोखाधड़ी और धारा 509 के तहत नाराजगी का भय दिखाना है। तनया और आदित्य ने गोमती नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था जिसे नकार दिया गया।
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