मंगलवार, 10 अप्रैल 2012

पाकिस्तान ने खोली भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पोल


बाड़मेर फर्जी वीजा लेकर थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान तक पहुंचने वाले छह बांग्लादेशी नागरिकों को सोमवार शाम जोधपुर रेलवे स्टेशन से हावड़ा एक्सप्रेस में बैठा कर कोलकाता तक भेजा गया है, वहां से बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ को सौंपा जाएगा। ये बांग्लादेशी 2 अप्रैल को भारत आए थे। फिर दो दिन कोलकाता और दो दिन अजमेर रुके थे। जोधपुर में 6 अप्रैल को बांग्लादेश के पासपोर्ट व पाकिस्तान के फर्जी वीजा पर उन्हें थार एक्सप्रेस के टिकट मिल गए।

भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर इमिग्रेशन की व्यवस्था नहीं होने से वे थार एक्सप्रेस से मुनाबाव पहुंच गए, फिर मुनाबाव में भी इमिग्रेशन की लापरवाही के कारण वे 7 अप्रैल को पाकिस्तान के जीरो पाइंट तक चले गए। पाकिस्तान ने फर्जी वीजा होने पर उन्हें पकड़ कर भारत को सौंप दिया था। हालांकि इन बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने के आदेश हुए हैं, मगर पाकिस्तान ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पोल खोल दी है।

सभी को डिपोर्ट कर दिया

'फर्जी वीजा होने के कारण पाकिस्तान ने छह बांग्लादेशी नागरिकों को लौटा दिया था। उन्हें डिपोर्ट करने के आदेश हुए तो हैड कांस्टेबल सुरेंद्र के साथ उन्हें जोधपुर भेज दिया गया। वहां से हावड़ा एक्सप्रेस में बैठा कर कोलकाता होते हुए बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंपा जाएगा।'

-अनूपसिंह, एसएचओ, मुनाबाव जीआरपी

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बांग्लादेश के सिधपुर निवासी मोहम्मद समी, शकील, अजीम, गुलाम हबीब, जमाल और रेहाना खातून 6 अप्रैल को जोधपुर पहुंचे। यहां बुकिंग क्लर्क ने उन्हें पाकिस्तान का टिकट दे दिया। थार एक्सप्रेस की शुरूआत में वर्ष 2006 में पीआरएस में इमिग्रेशन टीम बैठती थी। वह पासपोर्ट-वीजा चैक करती थी, फिर टिकट मिलता था। अब यह व्यवस्था नहीं है और बुकिंग क्लर्क को पासपोर्ट-वीजा की जानकारी नहीं है।


कहने को थार एक्सप्रेस पर सुरक्षा का कड़ा पहरा है। सीआईडी टीमें यार्ड से लेकर भगत की कोठी स्टेशन तक पूरी रेल की जांच करती है। आरपीएफ व जीआरपी यात्रियों तथा सामान की जांच करते हैं। साथ ही सुरक्षा गार्ड भी कोच में रहते हैं, मगर भगत की कोठी स्टेशन पर पासपोर्ट और वीजा की जांच ही नहीं होती है। सामान की जांच के लिए स्कैनर लगाने का प्रोजेक्ट भी लंबे समय से अटका हुआ है।


बाड़मेर के मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर थार एक्सप्रेस के यात्रियों के पासपोर्ट तथा वीजा की जांच के लिए इमिग्रेशन ऑफिस बना हुआ है। इमिग्रेशन अधिकारी प्रत्येक यात्री के दस्तावेज तथा कस्टम अधिकारी सामान की जांच करते हैं। बांग्लादेशी नागरिकों के पास बांग्लादेश के पासपोर्ट थे और पाकिस्तान का वीजा देख कर उन्हें आगे जाने दिया गया, जबकि पाकिस्तान ने इनके वीजा को फर्जी बताया।

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