नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने टीम अन्ना पर हमला करते हुए मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जिन लोगों ने संसद का अपमान किया है, उन्हें मुलजिम की तरह सदन में लाया जाए और उनसे पूछा जाए।
वहीं, जेडी (यू) के नेता शरद यादव ने मंगलवार को लोकसभा में कहा, 'मैं 40 साल से किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों की लड़ाई लड़ रहा हूं।' उन्होंने अन्ना हजारे की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'मैं किसी फकीर से कम नहीं हूं।' संसद में बैठे नेताओं के लिए अपमानजनक टिप्पणियों पर बोलते हुए यादव ने कहा, 'जिस तरह का समाज होगा, वैसे ही नेता संसद में आएंगे। आप समाज को बदलिए। सांसद आसमान से संसद में नहीं आते हैं।' यादव ने कहा, 'संसद चुनाव आयोग की तरह एक संस्था है। इस पर हमला नहीं होना चाहिए। इसका सम्मान बरकरार रहना चाहिए। यह जिम्मेदारी लोकसभा अध्यक्ष आपकी है।' शरद यादव ने टीम अन्ना के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा में मंगलवार की सुबह नोटिस दिया था।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्लाह ने टीम अन्ना के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यदि मुझ पर एक रुपए का भी भ्रष्टाचार साबित हो जाता है तो मैं न सिर्फ संसद को छोड़ दूंगा बल्कि राजनीति ही छोड़ दूंगा।
टीम अन्ना के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएमके के सांसद टीकेएस एलनगोवन ने कहा कि लोगों की भीड़ देखकर जोकर का नाटक बढ़ जाता है। टीम अन्ना भी ऐसा ही कर रही है। मैं मुलायम सिंह यादव जी की राय से सहमत हूं, टीम अन्ना को मुलजिम बनाकर सदन में पेश कराया जाए।
राष्ट्रीय जनता दल के रघुवंश प्रसाद सिंह ने संसद सदस्यों के टीम अन्ना के मंच पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे बीच भी लोग हैं जो राजनीतिक फायदा उठाने के लिए फुदक कर जंतर-मंतर पहुंच जाते हैं। एक बार नहीं दो-तीन बार चले जाते हैं। संसद देश की जनता और लोकतंत्र का प्रतीक है इसे कोई हिला नहीं सकता, कोई जरा सा बोल दिया तो उसे बेवजह इतना तूल दिया जा रहा है। हम लोगों को जनता के कामों और समस्याओं पर लगा रहना चाहिए, सिरफिरे लोगों की बातों को इतना तूल नहीं देना चाहिए।
वहीं शिवसेना के सांसद आनंद राव अंसुल ने कहा कि अन्ना की मानसिकता यह हो गई है कि वो खुद को संसद से भी बड़ा बता रहे हैं। अब वो सदन का घोर अपमान करने का भी काम कर रहे हैं। अन्ना और उसके साथियों को सदन में बुलवाकर माफी मंगवाई जानी चाहिए।
बहस के अंत में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि सांसदों का चुनाव देश की जनता अपनी बुद्धि से करती है। सदन की महिमा के खिलाफ कही गई कोई भी बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस ने भी टीम अन्ना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस के सांसद जगदंबिका पाल ने टीम अन्ना के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। जबकि इसी पार्टी के सांसद वीरभद्र सिंह ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर करने की चेतावनी दी है। देवास लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के ही एक अन्य सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने 17 मार्च को सांसदों को 'बलात्कारी, हत्यारे और लुटेरे' कहने पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को नोटिस दिया था। लेकिन केजरीवाल ने अब तक इस नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद राजनीति प्रसाद ने भी टीम अन्ना पर हमला बोला है। 31 दिसंबर, 2011 को राज्यसभा में लोकपाल ड्राफ्ट बिल को फाड़ने वाले प्रसाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि टीम अन्ना के सदस्यों को सांसदों के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए जेल में भेज देना चाहिए। गौरतलब है कि सोमवार को टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने पूछा था कि जब संसद में बिल फाड़े जाते हैं तो क्या संसद का अपमान नहीं होता है? उन्होंने कहा था कि अन्य सांसद बिल फाड़े जाने से सदस्यों को रोकते क्यों नहीं हैं।
बीते रविवार को दिल्ली में अन्ना हजारे के एक दिन के अनशन के दौरान मनीष सिसोदिया ने शरद यादव के खिलाफ उनका वीडियो दिखाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिस पर सोमवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ था।
संसद में विभिन्न पार्टियों के टीम अन्ना के खिलाफ लामबंद होने पर टीम अन्ना ने भी अपना रुख कड़ा करने का संकेत दिया है। टीम के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा है, 'आज अच्छे सांसद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 162 सांसदों का समर्थन करेंगे या फिर वे संसद को साफ करने की मांग करेंगे? पूरा देश आज यही देखेगा।'
मंगलवार को लोकसभा में अलग तेलंगाना राज्य की मांग और प्रमुख जनरल वीके सिंह को घूस की पेशकश के आरोप के मुद्दे पर शोरशराबा हुआ। तेलूगुदेशम पार्टी के सांसदों ने तेलंगाना के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए नोटिस दिया था। वहीं, बीजेपी ने सेनाध्यक्ष के आरोप की जांच की मांग करते हुए लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया। पार्टी ने प्रश्नकाल स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
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