मंगलवार, 27 मार्च 2012

‘राजस्थानी रै बिना गूंगो राजस्थान’

राजस्थान दिवस पर प्रदेशभर से एक साथ उठेगी राजस्थानी को मान्यता की आवाज
‘राजस्थानी रै बिना गूंगो राजस्थान’ का लगेगा नारा, नारे की मुखपत्ती
लगाकर कार्यकर्त्ता देंगे तहसील व जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन
राजस्थान दिवस के अवसर पर 30 मार्च को राजस्थानी भाषा को मान्यता की आवाज
प्रदेशभर से एक साथ उठेगी। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष
समिति की ओर से इस दिन प्रदेश के सभी जिला व तहसील मुख्यालयों पर ज्ञापन
दिए जाएंगे। इसके लिए संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष के.सी. मालू,
अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी प्रदेश संयोजक प्रो. कल्याण सिंह
शेखावत व संस्थापक तथा अंतरराष्ट्रीय संगठक लक्ष्मणदान कविया सहित सभी
कार्यकर्त्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं।
समिति के प्रदेश प्रदेश महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ के अनुसार इस
दिन ‘राजस्थानी रै बिना गूंगो राजस्थान’ संघर्ष का मुख्य नारा रहेगा तथा
सभी कार्यकर्त्ता ज्ञापन सौंपते वक्त यह नारा लिखी मुखपत्ती अपने मुख पर
लगाए रखेंगे। संघर्ष समिति के सभी घटक राजस्थानी मोट्यार परिषद,
राजस्थानी महिला परिषद, राजस्थानी चिंतन परिषद, राजस्थानी फिल्म परिषद,
राजस्थानी खेल परिषद, राजस्थानी लोक कलाकार परिषद तथा मातृभाषा राजस्थानी
छात्र मोर्चा के कार्यकर्ता इसमें सक्रिय भूमिका निभाएंगे और
प्रधानमंत्री व केन्द्रीय गृहमंत्री के नाम राजस्थानी भाषा को संवैधानिक
मान्यता की मांग के ज्ञापन देंगे। साथ ही केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण
मंत्री अंबिका सोनी के नाम राजस्थान दूरदर्शन का नाम डीडी राजस्थान से
डीडी राजस्थानी करने तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम राजस्थानी भाषा,
साहित्य, संस्कृति व शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने संबंधी 17 सूत्री ज्ञापन
भी दिए जाएंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें