नई दिल्ली. रेल किराया बढ़ाए जाने के ऐलान के बाद रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी में ही ठन गई है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रेल किराया अपनी पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा कि उनकी पार्टी रेल किराये में बढ़ोतरी का पुरजोर विरोध करेगी और इससे वापस करवा कर रहेगी। तृणमूल कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के नेता और रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए उन्हें नोटिस देकर कहा है कि या तो वे बढ़ा किराया वापस लें या फिर रेल मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दें।
इसी सिलसिले में तृणमूल के सांसद प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं। इसके लिए सांसदों ने समय मांगा है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक पार्टी बढ़े किराए वापस लेने के लिए संशोधन प्रस्ताव लाएगी। लगातार बन रहे दबाव के बीचसरकार जनरल और स्लीपर के लिए प्रस्तावित बढ़ा हुआ रेल किराया वापस ले सकती है या उसमें कुछ कटौती कर सकती है। रेल बजट में जनरल में दो पैसे प्रति किलोमीटर और स्लीपर में 5 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया बढ़ाने का ऐलान किया गया है।
किराया बढ़ने पर ममता बनर्जी के नाराज होने की खबरों के बीच रेल मंत्री ने भी कहा है कि यदि दीदी उनसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगी तो वो तुरंत इस्तीफा दे देंगे। लेकिन रेलवे की वित्तीय हालत से चिंतित त्रिवेदी ने साफ कर दिया है कि उनके दिमाग में किराए को घटाने की बात बिल्कुल नहीं चल रही है। दिनेश त्रिवेदी ने साफ किया है कि उनकी ज़िंदगी किसी दबाव में नहीं है। साफ है कि इस मुद्दे पर दिनेश त्रिवेदी और ममता बनर्जी टकराव की तरफ बढ़ रहे हैं।
ये बोले रेल मंत्री
मैं हर वो काम करूंगा जो रेल के लिए जरूरी है। मैंने वही किया है जो भारत का कोई भी नागरिक रेल मंत्री होते हुए करता। मैं नहीं जानता कि किराया वृद्धि वापस लेने की बातें क्यों की जा रही हैं। किराया वृद्धि वापस नहीं होगी। इस्तीफा देना मेरी प्राथमिकता नहीं है। अच्छी सफाई के लिए पैसे की जरूरत है। मैंने अपना काम र दिया है, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया है।
मेरा कर्तव्य संसद के जरिए देश के लिए काम करना है। भारत की संसद भी कुछ है और मैं उसके प्रति ही जवाबदेह हूं। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या सुर्खियां बन रही है। मैं भारतीय रेलवे और भारतीय लोगों के हित के बारे में ज्यादा चिंतित हूं।
मैं वो ही करता रहूंगा जो भारतीय रेलवे के लिए जरूरी है। मैं कुछ भी होने से पहले एक भारतीय हूं और मेरे लिए किसी भी चीज से पहले देश आता है। पार्टी से पहले भी देश आता है, परिवार से पहले भी देश आता है। भगत सिंह ने तो देश के लिए जान दे दी थी। मेरे सामने तो सिर्फ मंत्रीपद है।
इससे पहले त्रिवेदी ने आज लोकसभा में अपना रेल बजट पेश करते हुए रेल यात्री किराये में हर श्रेणी में बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान किया। गौरतलब है कि रेल किराये में यह बढ़ोतरी नौ साल बाद की गई है। इस ऐलान के कुछ देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों ने सीधे सीधे अपने ही रेल मंत्री पर हल्ला बोल दिया है। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया है, 'रेल बजट में किराये की बढ़ोतरी से हैरान हूं। उच्च श्रेणी के किराये में बढ़ोतरी की बात तो समझ में आती है लेकिन सभी श्रेणी के लिए किराया बढ़ाना ठीक नहीं है। मैं इससे सहमत नहीं हूं।'
वहीं एक और सांसद और लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि किराए में बढ़ोतरी मंजूर नहीं है। बढ़े हुए किराए वापस तत्काल वापस लिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार रेल बजट में किराया बढ़ाने की बात ही नहीं हुई थी, तो किराए क्यों बढ़ाए गए। बंदोपाध्याय ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी नहीं चाहती थीं कि किराया बढ़ाया जाए।
हालांकि त्रिवेदी ने रेल किराये में बढोतरी को जायज ठहराया है। लोकसभा में बजट पेश करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में त्रिवेदी ने यह भी दावा कि रेलवे को आईसीयू से बाहर निकाल लाया गया है। रेल मंत्री ने कहा, 'रेल आईसीयू में थी और मैंने रेलवे को आईसीयू से बाहर निकाला है। मैंने किराया बढ़ाकर रेलवे को स्वस्थ किया है।' त्रिवेदी ने इस दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैंने सरकार से 45 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी थी जबकि मुझे सिर्फ 24 हजार करोड़ ही मिले।’
दिनेश त्रिवेदी ने यह भी कहा कि किराया बढ़ाने के बारे में पार्टी प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने किराया बढ़ाने के फैसले की जिम्मेदारी खुद पर ली। तृणमूल से सांसद सुलतान अहमद ने किराया बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया है।
इससे पहले अपने रेल बजट भाषणमें दिनेश त्रिवेदी ने पहले नई-नई घोषणाएं की और अंत में किराया बढ़ाने की घोषणा की।
इसी सिलसिले में तृणमूल के सांसद प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं। इसके लिए सांसदों ने समय मांगा है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक पार्टी बढ़े किराए वापस लेने के लिए संशोधन प्रस्ताव लाएगी। लगातार बन रहे दबाव के बीचसरकार जनरल और स्लीपर के लिए प्रस्तावित बढ़ा हुआ रेल किराया वापस ले सकती है या उसमें कुछ कटौती कर सकती है। रेल बजट में जनरल में दो पैसे प्रति किलोमीटर और स्लीपर में 5 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया बढ़ाने का ऐलान किया गया है।
किराया बढ़ने पर ममता बनर्जी के नाराज होने की खबरों के बीच रेल मंत्री ने भी कहा है कि यदि दीदी उनसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगी तो वो तुरंत इस्तीफा दे देंगे। लेकिन रेलवे की वित्तीय हालत से चिंतित त्रिवेदी ने साफ कर दिया है कि उनके दिमाग में किराए को घटाने की बात बिल्कुल नहीं चल रही है। दिनेश त्रिवेदी ने साफ किया है कि उनकी ज़िंदगी किसी दबाव में नहीं है। साफ है कि इस मुद्दे पर दिनेश त्रिवेदी और ममता बनर्जी टकराव की तरफ बढ़ रहे हैं।
ये बोले रेल मंत्री
मैं हर वो काम करूंगा जो रेल के लिए जरूरी है। मैंने वही किया है जो भारत का कोई भी नागरिक रेल मंत्री होते हुए करता। मैं नहीं जानता कि किराया वृद्धि वापस लेने की बातें क्यों की जा रही हैं। किराया वृद्धि वापस नहीं होगी। इस्तीफा देना मेरी प्राथमिकता नहीं है। अच्छी सफाई के लिए पैसे की जरूरत है। मैंने अपना काम र दिया है, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया है।
मेरा कर्तव्य संसद के जरिए देश के लिए काम करना है। भारत की संसद भी कुछ है और मैं उसके प्रति ही जवाबदेह हूं। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या सुर्खियां बन रही है। मैं भारतीय रेलवे और भारतीय लोगों के हित के बारे में ज्यादा चिंतित हूं।
मैं वो ही करता रहूंगा जो भारतीय रेलवे के लिए जरूरी है। मैं कुछ भी होने से पहले एक भारतीय हूं और मेरे लिए किसी भी चीज से पहले देश आता है। पार्टी से पहले भी देश आता है, परिवार से पहले भी देश आता है। भगत सिंह ने तो देश के लिए जान दे दी थी। मेरे सामने तो सिर्फ मंत्रीपद है।
इससे पहले त्रिवेदी ने आज लोकसभा में अपना रेल बजट पेश करते हुए रेल यात्री किराये में हर श्रेणी में बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान किया। गौरतलब है कि रेल किराये में यह बढ़ोतरी नौ साल बाद की गई है। इस ऐलान के कुछ देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों ने सीधे सीधे अपने ही रेल मंत्री पर हल्ला बोल दिया है। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया है, 'रेल बजट में किराये की बढ़ोतरी से हैरान हूं। उच्च श्रेणी के किराये में बढ़ोतरी की बात तो समझ में आती है लेकिन सभी श्रेणी के लिए किराया बढ़ाना ठीक नहीं है। मैं इससे सहमत नहीं हूं।'
वहीं एक और सांसद और लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि किराए में बढ़ोतरी मंजूर नहीं है। बढ़े हुए किराए वापस तत्काल वापस लिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार रेल बजट में किराया बढ़ाने की बात ही नहीं हुई थी, तो किराए क्यों बढ़ाए गए। बंदोपाध्याय ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी नहीं चाहती थीं कि किराया बढ़ाया जाए।
हालांकि त्रिवेदी ने रेल किराये में बढोतरी को जायज ठहराया है। लोकसभा में बजट पेश करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में त्रिवेदी ने यह भी दावा कि रेलवे को आईसीयू से बाहर निकाल लाया गया है। रेल मंत्री ने कहा, 'रेल आईसीयू में थी और मैंने रेलवे को आईसीयू से बाहर निकाला है। मैंने किराया बढ़ाकर रेलवे को स्वस्थ किया है।' त्रिवेदी ने इस दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैंने सरकार से 45 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी थी जबकि मुझे सिर्फ 24 हजार करोड़ ही मिले।’
दिनेश त्रिवेदी ने यह भी कहा कि किराया बढ़ाने के बारे में पार्टी प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने किराया बढ़ाने के फैसले की जिम्मेदारी खुद पर ली। तृणमूल से सांसद सुलतान अहमद ने किराया बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया है।
इससे पहले अपने रेल बजट भाषणमें दिनेश त्रिवेदी ने पहले नई-नई घोषणाएं की और अंत में किराया बढ़ाने की घोषणा की।
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