मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

जैसलमेर मरु महोत्सव के दूसरे दिन....कुछ बोलती हुई तस्वीरे












जैसलमेर मरु महोत्सव के दूसरे दिन भी स्वर्णनगरी में प्रतियोगिताओं की धूम रही। दिन के कार्यक्रमों में देदानसर मैदान में रेगिस्तान के जहाज ऊंट प्रतियोगिताएं व पारंपरिक खेल हुए। सबसे रोचक प्रतियोगिता रस्साकसी की रही। इसमें इस बार भी विदेशी पुरुष व महिलाएं, भारतीयों पर हावी रहे। दोनों ही मुकाबलों में विदेशियों ने बाजी मारी।

पुरुष वर्ग में जहां विदेशियों ने 2-1 के अंतर से मात दी तो महिलाओं की प्रतियोगिता में भी यही हाल रहा। ऊंट श्रंगार व शान-ए-मरुधरा प्रतियोगिता ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। पहली बार खेले गए कबड्डी मैच में जैसलमेर की टीम ने गंगानगर की टीम को शिकस्त दी। इस दौरान देदानसर मैदान में हजारों की तादाद में देसी-विदेशी सैलानी मौजूद रहे। दूसरे दिन के कार्यक्रमों में कैमल पोलो मैच में सीमा सुरक्षा बल ने जीत दर्ज की।

सोमवार शाम पूनमसिंह स्टेडियम में सीमा सुरक्षा बल के ऊंटों ने रोमांचक करतब दिखाकर सैलानियों को अचंभित कर दिया। बीएसएफ के प्रशिक्षित ऊंटों पर बैठे जवानों ने विभिन्न करतब दिखाए। इस दौरान विश्व की एक मात्र कैमल माउंटेन बैंड की धुनों पर प्रशिक्षित ऊंटों के नृत्य ने तालियां बटोरी।




दूसरे दिन भी रोमांचित रहे दर्शक

इस बार भी विदेशी महिलाओं व पुरुषों ने रस्साकसी की जंग जीती

देदानसर मैदान में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

जैसलमेरमरु महोत्सव के दूसरे दिन देदानसर मैदान में रेगिस्तान के जहाज ऊंट से संबंधित अनूठी प्रतियोगिताओं के साथ- साथ पारंपरिक खेलों का भी आयोजन हुआ। मैदान में बैठे हजारों दर्शकों ने प्रतियोगिता का जमकर लुत्फ उठाया। कई प्रतियोगिताओं ने तो ऐसा रंग जमाया कि दर्शक उत्साहित होकर अपनी -अपनी जगहों से उठ खड़े हुए। ग्राउंड में 75 मेक बटालियन की बैंड ने संगीत की धुनों पर उपस्थित सैलानियों का मनोरंजन किया। ऊंट शृंगार, शान ए मरूधरा, कबड्डी, केमल पोलो, पणिहारी दौड़, रस्सा कस्सी प्रतियोगिता ने दर्शकों को जमाए रखा। सुबह सुबह ठंडी हवा के चलते दर्शकों की भीड़ कम रही और साढ़े दस बजे के बाद मैदान खचाखच दर्शकों से भर गया।


शान-ए-मरूधरा का खिताब मानाराम को

शान ए मरूधरा प्रतियोगिता भी अपने आप में अनूठी है। इस प्रतियोगिता में ऊंट चालक आवश्यक कपड़ों में अन्य साजो समान से कुछ दूरी पर खड़े रहते हैं। सबसे पहले वे धोती पहनते हैं और उसके बाद कुर्ता। कुछ ही दूरी पर पड़ी पगड़ी पहनने के बाद ऊंट का पलान व रस्सी उठाई जाती है और ऊंट को तैयार कर निर्धारित स्थान तक पहुंचना पड़ता है। इस प्रतियोगिता में मानाराम ने पहला, मगनाराम ने दूसरा और शरीफ खां ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

ऊंटों ने दिखाए रोमांचक करतब

मरु महोत्सव में सोमवार को शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में सीमा सुरक्षा बल के प्रशिक्षित ऊंटों ने कैमल टैटू शो में रोमांचक करतबों से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। विश्व के एक मात्र केमल माउंटेन बैंड की धुन पर उप समादेष्टा अमोल सिंह राठौड़ के निर्देशन में सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों ने राजस्थानी गीतों की सुमधुर धुनों पर विभिन्न रोमांचकारी करतब प्रस्तुत कर देशी-विदेशी सैलानियों को अचंभित कर दिया।इस अवसर पर बैंड के डंके की धुन पर ऊंट सवारों की 6-6 की आमने-सामने की क्रॉसिंग प्रस्तुत की गई। इसी प्रकार 2-2 ऊंटों की तिरछी क्रॉसिंग, 12 -12 ऊंटों की आमने-सामने की क्रॉसिंग ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।इसी प्रकार मुख्य आरक्षक पूनमाराम एवं आरक्षक राजेन्द्र सिंह ने दौड़ते हुए ऊंट पर साइड में आड़ लेकर सीमाओं पर दुश्मनों की नजर से बचने का प्रदर्शन प्रस्तुत किया। आरक्षक हींगोलसिंह ने दौड़ते हुए ऊंट पर पणिहारी का रूप धारण कर दर्शकों का मनोरंजन किया। आरक्षक भवनेश सिंह एवं हरिराम ने दौड़ते हुए ऊंट की गर्दन पर सवारी की तथा गणेशराम ने जोकर का पार्ट अदा किया। आरक्षक चैनसिंह एवं गोरधनराम ने ऊंटों को घुटनों के बल चला कर मूक पशु को दिए गए प्रशिक्षण का प्रदर्शन प्रस्तुत किया। आरक्षक भगवानाराम ने दो ऊंटों पर एक साथ सवारी का शारीरिक संतुलन बनाए रखने का शानदार प्रदर्शन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर ऊंटों से घायल सिपाहियों को ले जाने, ऊंट पर लॉन्ग आर्म पोजीशन तथा लद्दू ऊंट का प्रदर्शन भी दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। मुख्य आरक्षक तनसिंह सोढ़ा के ऊंट द्वारा प्रस्तुत किए गए नृत्य ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।

भारतीय महिलाएं भी कमाल नहीं दिखा सकी:

भारतीय महिलाओं को रस्सा कस्सी में आज तक खिताब नही मिला है। सोमवार को आयोजित प्रतियोगिता में भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। यहां भी पहला राउंड रोमांचक रहा और कसमकस बनी रही लेकिन विदेशी महिलाओं ने भारतीय महिलाओं को अपनी ओर खींच कर बढ़त बना ली। दूसरे राउंड में तो विदेशी महिलाओं के सामने भारतीय महिलाएं बिल्कुल ही नहीं टिक सकी।

आल्हा ने घोला वीर रस

मरु महोत्सव के दूसरे दिन सजी सांस्कृतिक संध्या

जैसलमेर मरु महोत्सव के दूसरे दिन पूनमसिंह स्टेडियम में लोक कलाकारों ने राजस्थानी रंगों से सजी सांझ प्रस्तुत की। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से आए कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। इस अवसर पर इलाहाबाद सांस्कृतिक केन्द्र से आए कलाकारों ने भी विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत जौनपुर के फौजदारसिंह ने आल्हा गायन से माहौल में वीर रस घोल दिया। इसके बाद रामप्रसाद एंड पार्टी ने अलगोजा नृत्य प्रस्तुत किया। लिटिल हार्ट स्कूल के बच्चों ने भी राजस्थानी नृत्य, एमपी के अरविंद यादव ने बधाई नृत्य, जैसलमेर के अनवर खां ने राजस्थानी नृत्य, जिंद के राजेश गांगुली ने घूमर नृत्य, अलवर के रामअवतार ने भी आकर्षक प्रस्तुति दी।

सांस्कृतिक संध्या के दौरान तृप्ति द्विवेदी की फूलों की होली ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। फूलों की होली के प्रदर्शन ने माहौल को रंगों से सराबोर कर दिया। दर्शक इस प्रस्तुति पर झूमने लगे। कार्यक्रम के समापन अवसर पर आतिशबाजी भी की गई।

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