बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

नवजीवन योजना से मिलेगी नई दिशा


नवजीवन योजना से मिलेगी नई दिशा

अवैध शराब का धंधा छोडऩे पर मिलेगा अनुदान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पास आया 10 लाख का बजट


सिवाना  अवैध शराब निर्माण, भंडारण तथा बेचने वालों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सरकार की ओर से बनाई गई नवजीवन योजना को नया जीवन मिला है। राज्य सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए योजना को चलाने की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को दी है। पूर्व में यह योजना आबकारी विभाग के माध्यम से चलाई जा रही थी। लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिलने पर योजना को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को दिया गया है।

बच्चों की शिक्षा पर मिलेगा अनुदान: नए दिशा-निर्देश में अवैध शराब का धंधा छोडऩे वाले परिवार को नया व्यवसाय करने पर अनुदान के साथ ही उनके बच्चों की शिक्षा पर भी अनुदान तथा उच्च शिक्षा में कोचिंग करने के लिए 60 प्रतिशत तक फीस सरकार जमा कराएगी। शराब बनाने वाले लोगों को यह धंधा छोडऩे तथा अन्य व्यवसाय करने के लिए लोन पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी का गठन: सरकार ने राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति का गठन किया है। यह समिति प्रत्येक छह माह में योजना की समीक्षा करेगी। विभाग की ओर से जिला स्तर पर भी कमेटी का गठन किया जाएगा। जिला स्तरीय कमेटी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित होगी। कमेटी में एसपी, पंचायत समितियों के प्रधान, कार्यकारी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, परियोजना प्रबंधक, अनुजा निगम, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला श्रम अधिकारी, नियोजन अधिकारी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक शामिल होंगे।

स्वयंसेवी संस्थाओं का लेंगे सहयोग : योजना के प्रथम चरण में शराब के धंधे में लिप्त व्यक्तियों का चिह्नीकरण स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कराया जाएगा। इन चिह्नित लोगों को सभा, नाटक तथा मल्टीमीडिया के माध्यम से योजना की जानकारी दी जाएगी। इसमें संस्था के माध्यम से अधिकतम 3 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। वहीं दूसरे चरण में चिह्नित व्यक्तियों को उद्योग विभाग के माध्यम से स्वयं का व्यवसाय लगाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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