शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

नसबंदी के लिए महिलाओं को लगाने पड़े चक्कर

नसबंदी के लिए महिलाओं को लगाने पड़े चक्कर

 

इनकी लापरवाही, उनकी परेशानी

जालोर जनसंख्या वृद्धि पर रोकथाम के लिए परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भी चिकित्सा विभाग की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। एक ओर जहां सरकार इसमें करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं जिला मुख्यालय पर एक एएनएम समेत चार महिलाओं को नसबंदी ऑपरेशन के लिए दो दिन से परेशान होना पड़ा। जब ये महिलाएं पूरी तरह से परेशान हो गई तब जाकर आनन फानन विभाग के अधिकारियों ने व्यवस्था करवाई, जिसके बाद इन महिलाओं का ऑपरेशन हो पाया।

जानकारी के अनुसार निकटवर्ती मादलपुरा गांव से एएनएम सुमन 31 जनवरी को चार महिलाओं बादली देवी, भंवरी देवी, पूसी देवी और नबूड़ी को नसबंदी करवाने के लिए जालोर अस्पताल लेकर पहुंचीं। यहां सर्जन डॉ. वल्लभ भंडारी ने शिविर में होने की बात कही। इस पर महिलाएं फिर अपने गांव लौट गईं। इसके अगले दिन एक फरवरी को डॉ भंडारी का ऑफ था। एएनएम द्वारा ऑपरेशन के लिए दिन पूछने पर डॉक्टर ने 2 फरवरी की तारीख दी। इस पर चारों महिलाएं और एएनएम गुरुवार को फिर अस्पताल पहुंच गईं, लेकिन गुरुवार को भी कोई सर्जन अस्पताल में नहीं मिला। ऐसे में यह महिलाएं दिनभर अस्पताल में परेशान होती रहीं। दोपहर बाद डॉ वल्लभ भंडारी ने अस्पताल आकर इनके ऑपरेशन किए।

एएनएम ने खुद दिया किराया

नसबंदी केस में महिला को 600 रुपए तथा एएनएम को मोटिवेशन के रूप में 150 रुपए मिलते हैं। इस स्थिति में एएनएम जब महिलाओं को ऑपरेशन के लिए 31 जनवरी को जालोर लेकर पहुंचीं तो उनके किराए का भुगतान उसे ही करना पड़ा, जबकि ऑपरेशन नहीं हो पाया। ऐसे में उसे चारों महिलाओं को फिर 2 फरवरी को ऑपरेशन के लिए पहुंचना पड़ा। इस स्थिति में किराए का भुगतान दुबारा करना पड़ा, जबकि मोटिवेशन फीस के रूप में प्रति केस एएनएम को केवल 150 रुपए ही मिल पाते हैं।



नहीं तो भेजते भीनमाल

दोपहर तक ये महिलाएं परेशान होती रहीं, लेकिन किसी ने इनकी समस्या नहीं सुनी। दोपहर बाद जब महिलाएं बहुत ज्यादा परेशान हुईं तो डिप्टी सीएमएचओ एसके चौहान ने आहोर अस्पताल में बात की, लेकिन वहां भी सर्जन अवकाश पर था। इसके बाद उन्होंने भीनमाल बात की तो वहां सर्जन डॉ. प्रेमराज परमार ने ऑपरेशन करने की बात स्वीकार कर ली। इस पर महिलाओं को एंबुलेंस से भीनमाल भेजने की तैयारी की गई। इस बीच जालोर में ही डॉ. वल्लभ भंडारी महिलाओं के ऑपरेशन को तैयार हो गए। आखिरकार तीन दिन परेशान होने के बाद गुरुवार को इन महिलाओं का ऑपरेशन हो पाया।




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें