उल्लेखनीय है कि एएनएम भंवरीदेवी की हत्या के बाद उसके पति अमरचंद इन दिनों जेल में है। ऐसे में बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी अमरचंद की बूढ़ी मां पूनी देवी (70) पर आ गई है। वह खुद पारिवारिक पेंशन से जीवन चलाती है। घर में कोई कमाऊ सदस्य भी नहीं रह गया है। राहत पैकेज के तहत भंवरीदेवी के तीनों बच्चे अगर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में रहते हैं तो उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी निःशुल्क होगी। विभाग की योजनाओं के तहत उच्च शिक्षा ग्रहण करने की स्थिति में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसे विशेष मामला मानते हुए पालनहार योजना के तहत इन बच्चों के अभिभावक को 675 रुपए मासिक दिए जाएंगे। बच्चों को भी सालाना दो-दो हजार रुपए की राशि मिलेगी। तीनों बच्चे मौजूदा अथवा सरकारी स्कूल-कॉलेजों में पढ़ना चाहें तो उनकी सरकार मदद करेगी।
क्या था मामला
जोधपुर की एएनएम भंवरी देवी 1 सितंबर से लापता थी, इस मामले में राजस्थान सरकार के एक मंत्री को इस्तीफ देना पड़ा और कांग्रेस के एक विधायक का नाम भी आया। भंवरी देवी की मंत्रीजी के सेक्स सीडी सार्वजनिक हुई। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई जिसमें चार महीना बाद यह पता चल पाया कि अपहरण के बाद उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में अब राज्य सरकार ने उसके परिवार के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है।
स्वर्गीय भंवरी देवी सरकारी कर्मचारी थी और हर साल अप्रैल माह में दुर्घटना बीमा सरकार खुद करती है मरने पर 2 ,00 ,000 /- रु. दिया जाता है इसमें सरकार की दया का सवाल नहीं है ! उनकी मृत्यु पर उनके एक आश्रित को सरकारी सेवा में लेने का नियम है, पेंशन, ग्रेचुटी और कम्युटेशन की राशी जो लाखों रुपया बनेगी उनके परिवार को दिए जाने का सरकारी नियम है ! और माहवारी पेंशन भी मिलेगी ! इसको कोई रोक नहीं सकता है !
जवाब देंहटाएंस्वर्गीय भंवरी देवी सरकारी कर्मचारी थी और हर साल अप्रैल माह में दुर्घटना बीमा सरकार खुद करती है मरने पर 2 ,00 ,000 /- रु. दिया जाता है इसमें सरकार की दया का सवाल नहीं है ! उनकी मृत्यु पर उनके एक आश्रित को सरकारी सेवा में लेने का नियम है, पेंशन, ग्रेचुटी और कम्युटेशन की राशी जो लाखों रुपया बनेगी उनके परिवार को दिए जाने का सरकारी नियम है ! और माहवारी पेंशन भी मिलेगी ! इसको कोई रोक नहीं सकता है !
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