केन्द्रीय मंत्री ने दिए संकेत, मुख्यमंत्री ने की चार सोलर पार्क बनाने की घोषणा, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार सुबह प्रवासीय भारतीय सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया।
प्रवासियों को मताधिकार जल्द
जयपुर प्रवासी भारतीयों को भारत में वोट डालने का अधिकार दिए जाने पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने शनिवार को जयपुर में ये संकेत दिए। रवि ने सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में इमिग्रेशन सेंटर का उद्घाटन के बाद कहा कि इस बारे में निर्वाचन आयोग से बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि संसद में भी यह मामला चल रहा है। इधर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में सोलर एनर्जी क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं बताते हुए चार नए सोलर पार्क बनाने की घोषणा की। ये पार्क जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर में बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार जोधपुर का सोलर पार्क जल्दी ही विकसित होगा। इनमें दो-तीन एनआरआई ने निवेश में रुचि दिखाई है। ये निवेशक यहां 10 और 5 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं। इनमें करीब 200 करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है। शेष त्न पेज ६
यहां बिडला सभागार परिसर में शुरू हुए सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल समेत 1500 से ज्यादा एनआरआई पहुंच चुके हैं। घर लौटे परदेसियों ने अपने लिए पूंजी निवेश की संभावनाएं तलाशीं।
ये हस्तियां पहुंचीं : पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी मंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेकसिंह आहलूवालिया, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद।
और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न सेमिनार में जाकर उद्घाटन सत्र की शुरुआत की। इसके बाद पूंजी निवेश की संभावनाओं पर विचार किया गया। सम्मेलन में पहले दिन पानी, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन क्षेत्रों पर सेमिनार करके प्रवासियों को इन क्षेत्रों में हुई अब तक की प्रगति और भविष्य की जरूरतों के बारे में बताया गया। उन्हें केन्द्र और राज्य सरकारों की नीतियों की जानकारी भी दी गई।
देश का 9वां इमिग्रेशन सेंटर जयपुर में
केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने सीतापुरा में देश के ९वें इमिग्रेशन सेंटर का उद्घाटन किया। यह कार्यालय 17 नामित देशों में जाने वाले श्रमिकों को वहां रहने की मंजूरी देगा। इसके लिए अब तक उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ जाना पड़ता था। इससे शेखावाटी के लोगों को विशेष लाभ होगा।
पासपोर्ट सेवा केंद्र भी खुला
विदेश राज्य मंत्री ई. अहमद और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यहां अजमेर रोड पर नए पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। जोधपुर और सीकर में भी जल्द नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जाएंगे। जयपुर में टाटा कंसलटेंसी के साथ पीपीपी के तहत यह केंद्र खोला गया है। इससे आवेदकों के लिए पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
निवेश नहीं तो सम्मेलन का क्या फायदा : आजाद
जयपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद का कहना है कि जयपुर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन से मैं काफी उत्साहित हूं, लेकिन यदि कोई प्रवासी यहां आकर निवेश की बात नहीं करे या भविष्य में निवेश नहीं करे तो ऐसे सम्मेलन का कोई लाभ नहीं। नबी ने कहा कि केंद्र ने यही सोचकर सम्मेलन आयोजित किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रवासी भारतीय मेडिकल-शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा रुचि नहीं ले पा रहे। उन्होंने कहा कि १२वीं योजना के तहत केंद्र ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए इस पर होने वाले व्यय को जीडीपी के एक प्रतिशत से बढ़ाकर २.५ प्रतिशत कर दिया है।
प्रवासियों को मताधिकार जल्द
जयपुर प्रवासी भारतीयों को भारत में वोट डालने का अधिकार दिए जाने पर जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने शनिवार को जयपुर में ये संकेत दिए। रवि ने सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में इमिग्रेशन सेंटर का उद्घाटन के बाद कहा कि इस बारे में निर्वाचन आयोग से बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि संसद में भी यह मामला चल रहा है। इधर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में सोलर एनर्जी क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं बताते हुए चार नए सोलर पार्क बनाने की घोषणा की। ये पार्क जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर में बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के अनुसार जोधपुर का सोलर पार्क जल्दी ही विकसित होगा। इनमें दो-तीन एनआरआई ने निवेश में रुचि दिखाई है। ये निवेशक यहां 10 और 5 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाना चाहते हैं। इनमें करीब 200 करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है। शेष त्न पेज ६
यहां बिडला सभागार परिसर में शुरू हुए सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल समेत 1500 से ज्यादा एनआरआई पहुंच चुके हैं। घर लौटे परदेसियों ने अपने लिए पूंजी निवेश की संभावनाएं तलाशीं।
ये हस्तियां पहुंचीं : पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी मंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला, स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेकसिंह आहलूवालिया, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और विदेश राज्यमंत्री ई. अहमद।
और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न सेमिनार में जाकर उद्घाटन सत्र की शुरुआत की। इसके बाद पूंजी निवेश की संभावनाओं पर विचार किया गया। सम्मेलन में पहले दिन पानी, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन क्षेत्रों पर सेमिनार करके प्रवासियों को इन क्षेत्रों में हुई अब तक की प्रगति और भविष्य की जरूरतों के बारे में बताया गया। उन्हें केन्द्र और राज्य सरकारों की नीतियों की जानकारी भी दी गई।
देश का 9वां इमिग्रेशन सेंटर जयपुर में
केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने सीतापुरा में देश के ९वें इमिग्रेशन सेंटर का उद्घाटन किया। यह कार्यालय 17 नामित देशों में जाने वाले श्रमिकों को वहां रहने की मंजूरी देगा। इसके लिए अब तक उन्हें दिल्ली और चंडीगढ़ जाना पड़ता था। इससे शेखावाटी के लोगों को विशेष लाभ होगा।
पासपोर्ट सेवा केंद्र भी खुला
विदेश राज्य मंत्री ई. अहमद और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को यहां अजमेर रोड पर नए पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन किया। जोधपुर और सीकर में भी जल्द नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जाएंगे। जयपुर में टाटा कंसलटेंसी के साथ पीपीपी के तहत यह केंद्र खोला गया है। इससे आवेदकों के लिए पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। पासपोर्ट कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
निवेश नहीं तो सम्मेलन का क्या फायदा : आजाद
जयपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद का कहना है कि जयपुर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन से मैं काफी उत्साहित हूं, लेकिन यदि कोई प्रवासी यहां आकर निवेश की बात नहीं करे या भविष्य में निवेश नहीं करे तो ऐसे सम्मेलन का कोई लाभ नहीं। नबी ने कहा कि केंद्र ने यही सोचकर सम्मेलन आयोजित किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रवासी भारतीय मेडिकल-शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा रुचि नहीं ले पा रहे। उन्होंने कहा कि १२वीं योजना के तहत केंद्र ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए इस पर होने वाले व्यय को जीडीपी के एक प्रतिशत से बढ़ाकर २.५ प्रतिशत कर दिया है।
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