शराब तस्करों ने खोले कई राज
ट्रक ड्राइवर को नहीं पता, कहां पहुंचानी है शराब, पिछले दिनों नाचना क्षेत्र में पकड़े गए अंतरराज्यीय शराब तस्करों से पूछताछ में सामने आई हकीकत
जैसलमेर गत दिनों नाचना क्षेत्र में 45 लाख रुपए की अवैध शराब के साथ पकड़े गए अंतरराज्यीय शराब तस्करों से पोकरण पुलिस की गहन पूछताछ में कई राज सामने आए हैं। पुलिस उप अधीक्षक विपिन शर्मा ने बताया कि पकड़े गए शराब तस्कर श्यामलाल पुत्र शेराराम विश्नोई के खिलाफ परबतसर और निम्बाहेड़ा (चित्तौडगढ) में शराब तस्करी के मामले दर्ज हैं। निम्बाहेड़ा वाले मामले में वह 5 साल से फरार चल रहा है। वहीं घमंडाराम के विरुद्ध भी जालोर में शराब तस्करी के कई मामले चल रहे हैं।
शराब से भरे ट्रक की होती है रैकी: सूत्रों के अनुसार फिरोजपुर पंजाब से बिना टैक्स चुकाए शराब ट्रक में भरा जाता है। ट्रक ड्राइवर को कुछ रुपए नगद दिए जाते हैं। ट्रक ड्राइवर को यह पता नहीं होता है कि ट्रक भरी शराब किस तस्कर की है। उसे बस इतना पता होता है कि शराब किसके पास ले जानी है। साथ ही शराब लाने वाला तस्कर ट्रक के आगे-आगे उसकी रैकी करता है। ट्रक ड्राइवर को यह नहीं पता होता है कि मुख्य तस्कर उसके आगे कार में चल रहा है। तस्कर फोन पर ही ट्रक ड्राइवर को दिशा-निर्देश देता है। वह सिर्फ एक-दूसरे से फोन पर ही बातचीत करते हैं और शक्ल से नहीं पहचानते। पिछले दिनों पकड़ी गई अवैध शराब के दौरान ट्रक के आगे चल रही स्विफ्ट कार में घमंडाराम बैठा था, इसका ट्रक ड्राइवर को नहीं पता था।
बिना टैक्स चुकाए लाई जाती है शराब की खेप: स्टेट वाइज लगने वाले टैक्स की चोरी करके फिरोजपुर पंजाब से अवैध शराब राजस्थान से होते हुए गुजरात पहुंचाई जाती है। सांचोर से उसे छोटे वाहनों में लादकर गुजरात तक पहुंचाना था। शराब तस्कर सांचोर में अवैध शराब एकत्र करते थे और वहां से धीरे-धीरे गुजरात के विभिन्न शहरों में सप्लाई की जाती थी। पंजाब से राजस्थान के मार्ग से होकर गुजरात तक ले जाई जाने वाली अवैध शराब के पीछे तीन-तीन गिरोह सक्रिय रहते हैं। एक तो पंजाब में शराब ट्रक में भरवाने वाला गिरोह, दूसरा उसे राजस्थान की सीमा तक ले जाने वाला और तीसरा गिरोह गुजरात में सप्लाई करने करता है।
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