मंगलवार, 10 जनवरी 2012

राजस्थानी एनआरआईज ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए एक स्वर में आवाज उठाई।




शहर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए एक मंच पर आए राजस्थानी एनआरआईज ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए एक स्वर में आवाज उठाई।

इसमें उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को भी जोड़ते हुए एक नई पहल करने की बात कही। साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाकर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए पूरे प्रदेश को जोडऩे की पहल की गई।

राजस्थानी एसोसिएशन इन नॉर्थ अमेरिका (राणा) के प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में प्रवासी सम्मेलन के समापन के लिए आई प्रदेश की बहू देश की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील को भी अवगत कराया।

इसके बाद एक दल राजस्थान यूनिवर्सिटी के मानविकी सभागार में पहुंचा और छात्रसंघ के पदाधिकारियों व स्टूडेंट्स को भी अपने प्रयासों के बारे में बताया। इस पर राजस्थान यूनिवर्सिटी के सभी विभागों और कॉलेजों के स्टूडेंट्स ने भी प्रदेश की भाषा को मान्यता दिलाने के लिए एनआरआईज के साथ आवाज मिलाई। राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संयोजक और राणा के मीडिया प्रभारी प्रेम भंडारी के साथ कमल मेहता और अमेरिका से आए सुशील गोयल ने स्टूडेंट्स को अपनी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए उनका सहयोग करने की बात कही। अपेक्स प्रेसिडेंट प्रभा चौधरी ने बताया, सभी स्टूडेंट्स ने उन्हें सहयोग करने की बात कही। प्रेम भंडारी ने कहा कि विदेशों में राजस्थानी भाषा को मान्यता मिली है, लेकिन अपने ही देश में इसको मान्यता नहीं मिलना दुखद है।

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