सांसारिक जीवन के लिये भगवान शिव का स्वरूप व चरित्र संतुलन व तालमेल की आदर्श प्रेरणा है। शिव महिमा से जुड़े शास्त्र-पुराणों पर गौर करें तो शिव सारे देवों चाहें वह सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा हो या पालक विष्णु सभी के प्रिय व पूजनीय होकर महादेव कहलाते हैं। दरअसल, धार्मिक आस्था से शिव का संहारक रूप जगत रचना और पालन के लगातार चलने वाले सिलसिले में पैदा किसी भी कलह या दोष का नाश कर जगत में संतुलन कायम रखने वाला अहम सूत्र है।
यही कारण है व्यावहारिक जीवन के भी तमाम कलह, दु:ख, दरिद्रता व दोष को दूर कर इच्छापूर्ति व सुखों को पाने के लिए सोमवार के दिन शिव की ऐसे छोटे-छोटे मंत्रों से पूजा का विशेष महत्व है, जो शिव के अलग-अलग रूपों को उजागर करते हैं। खासतौर पर साल के पहले सोमवार को ऐसे ही 12 शिव मंत्रों को बोलने से मन में पैदा विश्वास व ऊर्जा सालभर के 12 माहों को शुभ व सफल बनाने वाली साबित होगी -
- सोमवार को शिवलिंग पर मात्र दूध या जल चढ़ाकर गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित कर पूजा करें। पूजा के वक्त या बाद धूप, दीप लगाकर आसन पर बैठ नीचे लिखें 12 सरल शिव मंत्रों का ध्यान मंगल व सफल होने की कामना से करें। अंत में शिव आरती करें
ॐ महादेवाय नम:, ॐ हरये नम:, ॐ हराय नम:
ॐ महेश्वराय नम:, ॐ शंङ्कराय नम:, ॐ अम्बिकानाथाय नम:
ॐ गंगाधराय नम:, ॐ जटाधराय नम:, ॐ त्रिमूर्तये नम:
ॐ सदाशिवाय नम:, ॐ मृत्युञ्जयाय नम:, ॐ रुद्राय नम:
यही कारण है व्यावहारिक जीवन के भी तमाम कलह, दु:ख, दरिद्रता व दोष को दूर कर इच्छापूर्ति व सुखों को पाने के लिए सोमवार के दिन शिव की ऐसे छोटे-छोटे मंत्रों से पूजा का विशेष महत्व है, जो शिव के अलग-अलग रूपों को उजागर करते हैं। खासतौर पर साल के पहले सोमवार को ऐसे ही 12 शिव मंत्रों को बोलने से मन में पैदा विश्वास व ऊर्जा सालभर के 12 माहों को शुभ व सफल बनाने वाली साबित होगी -
- सोमवार को शिवलिंग पर मात्र दूध या जल चढ़ाकर गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित कर पूजा करें। पूजा के वक्त या बाद धूप, दीप लगाकर आसन पर बैठ नीचे लिखें 12 सरल शिव मंत्रों का ध्यान मंगल व सफल होने की कामना से करें। अंत में शिव आरती करें
ॐ महादेवाय नम:, ॐ हरये नम:, ॐ हराय नम:
ॐ महेश्वराय नम:, ॐ शंङ्कराय नम:, ॐ अम्बिकानाथाय नम:
ॐ गंगाधराय नम:, ॐ जटाधराय नम:, ॐ त्रिमूर्तये नम:
ॐ सदाशिवाय नम:, ॐ मृत्युञ्जयाय नम:, ॐ रुद्राय नम:
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