बाड़मेर। देश के समक्ष उत्पन्न बहुआयामी चुनौतियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आज कहा कि सेना को इन खतरों को राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में देखना चाहिए। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आज सैन्य अभ्यास सुदर्शन शक्ति के समापन समारोह का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि देश को आज बहुआयामी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और सेना को इन चुनौतियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में देखना चाहिए।
सैनिकों के लिए आधुनिक हथियारों और प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए पाटिल ने कहा कि हमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने और सतत प्रशिक्षण के जरिये अपनी दक्षता के बेहतर बनाने की जरूरत है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका प्रदर्शन अपने प्रतिद्वन्दि्वयों से खिलाफ किया जा सके। राजस्थान में इस सैन्य अभ्यास में 50 हजार सैनिकों, 300 टैंकों, 250 तोपों ने हिस्सा लिया।
इसमें एसयू 30 एमकेआई, जगुआर, मिग 27 और मिग 21, अवाक्स प्रणाली और हेलीकाप्टरों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रपति ने 21वीं स्टाइक कोर को सबसे प्रभावी टुकड़ी करार दिया। यह दक्षिणी कमान का सबसे प्रभावी बल है। सैन्य अभ्यास के अंतिम चरण का अवलोकन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास सेना के दक्षता उन्नयन और तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा और नेटवर्क केंद्रीय व्यवस्था बनाने में मदद करेगा। प्रतिभा पाटिल ने पैदल सेना तथा टैंक दस्ते, तोपखाने और वायुसेना के लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता को देखा।
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