मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

अकीदत व अहतराम के साथ मनाया मोहर्रम


अकीदत व अहतराम के साथ मनाया मोहर्रम

मुस्लिम मोहल्लों में स्थापित ताजियों पर दिन भर रही अकीदतमंदों की भीड़।


बाड़मेर । हजरत इमाम हुसैन और हसन की शहादत की याद में मातमी पर्व मोहर्रम मंगलवार को पूरे अकीदत व अहतराम के साथ मनाया गया। शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थापित ताजियों पर कल रात और आज दिन भर अकीदतमंदों की भीड़ रही।

बाड़मेर में ताजियों पर अकीदत के फूल पेश करने वालों का तांता लगा रहा। इस मौके पर जगह-जगह छबील का इंतजाम किया गया। मुस्लिम समाज के लोगों ने हलीम बनाकर अकीदतमंदों में वितरित किया।

सोमवार रात को भी शहर के कई जगहों पर हलीम बनाया गया। योमे याशूरा मोहर्रम के लिए गैर मुस्लिमों में भी श्रद्धा देखने को मिली। इस मौके पर परंपरा के मुताबिक बच्चों को ताजियों के नीचे से निकालते देखा गया। उल्लेखनीय है कि यहां स्वास्थ्य के लिए बच्चों को ताजियों के नीचे निकालने की परंपरा आज भी कायम है।

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