सीमावर्ती गांव गडरा में मिला डेंगू का मरीज
बाड़मेर से किया रेफर,मरीज जोधपुर के एक निजी अस्पताल से ठीक होकर लौटा
बाड़मेर संभाग भर में डेंगू का बढ़ता प्रकोप अब बाड़मेर जिले में भी अपनी पकड़ बना रहा हैं। बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में भर्ती मरीज को डेंगू के लक्षण पाए जाने पर उसे जोधपुर रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार गडरारोड के वार्ड सं. दस निवासी गिरीश लोढ़ा पुत्र तनसुख लोढ़ा को दो दिसंबर को राजकीय अस्पताल में भर्ती किया गया था। डेंगू के लक्षण को देखते हुए उसकी जांच करवाई गई। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज को जोधपुर रेफर किया गया। जानकारी के अनुसार एक माह पहले उसके भाई रोहित लोढ़ा में भी डेंगू के लक्षण पाए गए थे। जिसका इलाज अहमदाबाद में किया गया था। उपचार के दौरान मरीज ठीक होकर घर भी वापस आ गया था। उसके एक माह बाद दो दिसंबर को उसके भाई गिरीश को बुखार आया, गडरा में जांच कराने पर पीवी मलेरिया पाया गया। इसके लिए उसे तीन दिन का कोर्स दिया गया। लेकिन उसी दिन रात में नाक से खून गिरने लगा और रात को बाड़मेर के राजकीय अस्पताल लाया गया। तीन दिसंबर को सुबह जांच कराने पर मरीज को डेंगू ग्रसित पाया गया। इसपर डॉक्टर ने उसे जोधपुर रेफर कर दिया। मंगलवार को जोधपुर से मरीज को छुट्टी दे दी गई और घर वापस आ गया।
बचने के उपाय : डॉक्टरों के अनुसार डेंगू से बचने के लिए पूरे बाजू के कपड़े पहनें। शरीर के ज्यादातर हिस्सों को ढककर रखें। दिन में भी कोइल जला कर रखें,खासकर जहां छोटे बच्चे सो रहे हो उस जगह अनिवार्य रूप से कोइल लगाए। डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है।
घबराए नहीं : डॉ. विकास चौधरी ने बताया कि डेंगू के मरीज घबराए नहीं। ज्यादा से ज्यादा आराम करें। बुखार होने पर पेरासिटामोल की टेबलेट ले सकते हैं। मरीज को ज्यादा पानी पिलाए। मॉनीटरिंग ज्यादा महत्वपूर्ण है। मरीज की प्लेटलेट्स 20 हजार से नीचे जाने पर भी उसी दिशा में प्लेटलेट्स दिए जाए जब उसकी स्थिति गंभीर हो। मसलन उसे खून की उल्टी, शरीर पर निशान, खरोंच लगने पर भी खून निकल आने जैसे लक्षण सामने आए तब। डॉक्टरों की कोशिश रहती है कि मरीज खुद सरवाई करें। साथ ही मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाए। ऐसे लक्षण होने पर मरीज तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं।
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