.सेना के स्वदेशी बैटल टैंक अर्जुन के एडवांस वर्जन का तीसरा ट्रायल पोकरण फायरिंग रेंज में अगले माह होगा। पिछले ट्रायल में रही खामियों को दूर कर टैंक की हथियार प्रणाली की मारक क्षमता व मजबूती को परखा जाएगा।
नए वर्जन में मिसाइल फायरिंग व खोजी लेजर तंत्र को मजबूत करने के साथ ही इसे मिसाइल व राकेट लांचर के हमले से सुरक्षित किया गया है। इसके साथ ही विस्फोटकों से बचाने के लिए प्रतिक्रियाशील कवच लगाया गया है।
सेना को एडवांस वर्जन वाले 124 बैटल टैंक की अगले साल सप्लाई होने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञ इस साल दो ट्रायल के बाद अब अर्जुन टैंक का तीसरा परीक्षण करने वाले हैं। इसमें बैटल टैंक की गन से मिसाइल दागने की मारक क्षमता को परखा जाएगा।
इस ट्रायल में जो खामियां नजर आएंगी, उनको दूर करने के बाद डीआरडीओ आगामी जून में अर्जुन टैंक का यूजर ट्रायल करेगी। उसके बाद इस एडवांस वर्जन टैंक को सेना में शामिल किया जाएगा।
मिसाइल व राकेट के हमले से सुरक्षित रहेंगे टैंक
डीआरडीओ ने अर्जुन टैंक के एडवांस वर्जन में हथियार तंत्र को मजबूत किया है। अब तक अर्जुन टैंक से मिसाइल व रॉकेट दागे जा सकते थे, लेकिन अब उसकी मारक क्षमता बढ़ा दी गई।
इसके अलावा दुश्मन की मिसाइल व राकेट लांचर के हमले से बचाव के बंदोबस्त कर टैंक को अति आधुनिक बनाया गया है। इसमें जर्मन निर्मित 58 टन वजनी इंजन लगाया गया है। फायरिंग रेंज में ट्रायल के दौरान सेना के विशेषज्ञों के सुझाव पर डीआरडीओ इसमें आवश्यक बदलाव करेगा।
सेना में 124 अर्जुन टैंक
अर्जुन टैंक को दो साल पूर्व सेना में शामिल किया गया था। अब तक 124 अर्जुन टैंक शामिल किए जा चुके हैं। डेजर्ट एरिया में इस टैंक की दो रेजिमेंट में मौजूद है। सेना ने अर्जुन के एडवांस वर्जन के 124 टैंक खरीदने का आर्डर दिया है। चेन्नई के एवदी स्थित हैवी व्हीकल फैक्ट्री में इसका निर्माण किया गया है।
नए वर्जन में मिसाइल फायरिंग व खोजी लेजर तंत्र को मजबूत करने के साथ ही इसे मिसाइल व राकेट लांचर के हमले से सुरक्षित किया गया है। इसके साथ ही विस्फोटकों से बचाने के लिए प्रतिक्रियाशील कवच लगाया गया है।
सेना को एडवांस वर्जन वाले 124 बैटल टैंक की अगले साल सप्लाई होने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञ इस साल दो ट्रायल के बाद अब अर्जुन टैंक का तीसरा परीक्षण करने वाले हैं। इसमें बैटल टैंक की गन से मिसाइल दागने की मारक क्षमता को परखा जाएगा।
इस ट्रायल में जो खामियां नजर आएंगी, उनको दूर करने के बाद डीआरडीओ आगामी जून में अर्जुन टैंक का यूजर ट्रायल करेगी। उसके बाद इस एडवांस वर्जन टैंक को सेना में शामिल किया जाएगा।
मिसाइल व राकेट के हमले से सुरक्षित रहेंगे टैंक
डीआरडीओ ने अर्जुन टैंक के एडवांस वर्जन में हथियार तंत्र को मजबूत किया है। अब तक अर्जुन टैंक से मिसाइल व रॉकेट दागे जा सकते थे, लेकिन अब उसकी मारक क्षमता बढ़ा दी गई।
इसके अलावा दुश्मन की मिसाइल व राकेट लांचर के हमले से बचाव के बंदोबस्त कर टैंक को अति आधुनिक बनाया गया है। इसमें जर्मन निर्मित 58 टन वजनी इंजन लगाया गया है। फायरिंग रेंज में ट्रायल के दौरान सेना के विशेषज्ञों के सुझाव पर डीआरडीओ इसमें आवश्यक बदलाव करेगा।
सेना में 124 अर्जुन टैंक
अर्जुन टैंक को दो साल पूर्व सेना में शामिल किया गया था। अब तक 124 अर्जुन टैंक शामिल किए जा चुके हैं। डेजर्ट एरिया में इस टैंक की दो रेजिमेंट में मौजूद है। सेना ने अर्जुन के एडवांस वर्जन के 124 टैंक खरीदने का आर्डर दिया है। चेन्नई के एवदी स्थित हैवी व्हीकल फैक्ट्री में इसका निर्माण किया गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें