गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

मां का पहला दुध, बच्चे का जन्मसिद्व अधिकार


मां का पहला दुध, बच्चे का जन्मसिद्व अधिकार 

पंकज केवलिया, 

उरमूल ट्रस्ट और सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से जिलें में संचालित बाल स्वास्थ्य हेतु सामुदायिक सिक्तकरण परियोजना के अन्तर्गत आज गांव हमिरा, पोहड़ा और डेलासर में स्वास्थ्य और पोषण अभियान का आयोजन किया गया। उरमूल प्रतिनिधी पंकज केवलिया ने बताया कि विश्व में बच्चों की कुल आबादी में से 47प्रतित बच्चें कुपोषणता का िकार हैं। इस कुपोषणता को जड़ से समाप्त करनें के उद्देय उरमूल ट्रस्ट और सेव द चिल्ड्रन ने जिलें में टीकाकरण दिवस को स्वास्थ्य और पोषण अभियान के साथ जोड़ा है। टीकाकरण और आंगनबाडी केन्द्र पर उपलब्ध सेवाओं के पुर्ण उपयोग से जिलें कुपोषण और िु मृत्यु को रोका जा सकता है। उन्होनें बताया कि नवजात के लिये मां का पहला दुध एक प्राकृतिक टीका है, यह बच्चें का जन्मसिद्व अधिकार है। 
केवलिया ने बताया कि अभियान के दौरान गांवों नवजात और 6 माह से छोटे बच्चों को संस्था की ओर से गर्म टोपियों को वितरण कर उन्हें निमोनिया जैसी घातक बिमारी से बचनें हेतु ग्रामिणों से चर्चा की। उरमूल के प्रतिनिधी अनुप पंवार ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान विोष रूप स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं से वंचित लाभार्थीयों को इन सेवाओं से जोड़ा गया। कार्यक्रम के दौरान एएनएम गीता चौहान, सुनिता सिंह और विमला भाुक्ला ने अपना विोष सहयोग प्रदान किया। उरमूल प्रतिनिधी द्वारकाराम और सरोज चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान पोषण सेवाओं विभिन्न पहलुओं पर प्रका डाला। 




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