शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

8 साल की बेटी की गवाही से पिता को उम्रकैद

8 साल की बेटी की गवाही से पिता को उम्रकैद
शहडोल। पत्नी की हत्या के एक मामले में उसकी एक आठ साल की मासूम बेटी की गवाही ने उसके ही पिता को जेल के सीखचों के पीछे भेज दिया। जिला सत्र न्यायाधीश जगदीश पाराशर ने बुधवार शाम को कोर्ट में बच्ची की गवाही के बाद आरोपी पिता को उम्रकैद की सजा सुना दी।
जिले के पोंगरी गांव में एक आदिवासी युवक ने अपनी पत्नी को मामूली झगड़े के बाद नींद में ही घन (लोहा पीटने वाला बड़ा हथौड़ा) से गंभीर चोट पहुंचा कर मौत के घाट उतार दिया था।


मामले में लोक अभियोजक कामता प्रसाद गौतम ने बताया कि 14 नवंबर 2009 को कोतवाली क्षेत्र के पोंगरी गांव में छोटेलाल अगरिया ने पत्नी संतोषी अगरिया (26) की हत्या कर दी थी। वारदात के दौरान घर में मां के साथ सो रही आठ वर्षीय मासूम पूजा ने पिता छोटेलाल की करतूत देखी। देर रात वारदात को अंजाम देकर फरार हुए आरोपी की इस करतूत का खुलासा पूजा ने ही पुलिस के समक्ष किया था। वारदात की चश्मदीद गवाह बालिका ने न्यायालय के समक्ष पिता छोटेलाल के द्वारा मां संतोषी की हत्या करने की पुष्टि की।

सत्र न्यायाधीश पाराशर ने पूजा की गवाही पर छोटेलाल को दोषी मानते हुए उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई।

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