कोलकाता. कोलकाता के एएमआरई अस्पताल में लगी भीषण में मरने वालों की तादाद बढ़कर 73 हो गई है। आग की चपेट में आकर अस्पताल के तीन कर्मचारी भी मारे गए हैं। आग पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया है। लेकिन अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। आग के चलते अस्पताल में रेडिएशन का खतरा हो गया है। आग बेसमेंट में लगी थी और उसका सबसे ज़्यादा असर बेसमेंट में ही हुआ है।
अस्पताल का रेडियोलॉजी विभाग बेसमेंट में ही था। आग की चपेट में रेडियोएक्टिव तत्व के आने की आशंका के चलते रेडिएशन का खतरा बढ़ा है। इसे देखते हुए रेडिएशन एक्सपर्ट को बुलाया गया। 32 लोगों की टीम कोलकाता पहुंच चुकी है। इसमें भाभा परमाणु केंद्र के विशेषज्ञ भी कोलकाता पहुंच चुके हैं। हालांकि, एनडीआरएफ ने इस बात से इनकार कर दिया है कि अस्पताल में रेडिएशन का खतरा है।
अस्पताल के मालिक आरएस गोयनका और निदेशक एसके तोडी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। अस्पताल ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है।
आग लगने के बाद दमकल की 25 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम किया। आग के चलते पूरे अस्पताल में धुआं भर गया। अस्पताल के शीशे तोड़ दिए गए ताकि कमरों से धुआं बाहर निकाल सके । धुएं की वजह से बचावकर्मी शुरुआत में आधे घंटे तक अस्पताल के भीतर ही नहीं जा पाए। आग तड़के पौने चार बजे निजी अस्पताल के बेसमेंट में लगी। शुरुआती आकलन के मुताबिक आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी।
जब आग लगी उस समय 160 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल से बाहर लाए गए मरीजों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अस्पताल में सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट को खाली रखने की जगह सामान से भर दिया गया था। आग फैलने की बड़ी वजह बेसमेंट में मौजूद मेडिकल स्टोर और गैस सिलेंडरों को माना जा रहा है
इस हादसे से नाराज लोगों ने मौका मुआयना करने पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेर लिया। इसके बाद पुलिस को इन लोगों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के शिकार ज़्यादातर लोग मरीजों के परिजन हैं। इस हादसे का जांच कर रहे दमकल विभाग ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा कि अस्पताल ने आग से बचाव के लिए जरूरी उपाय नहीं किए और सुरक्षा के कई मापदंडों की अनदेखी की है। दमकल विभाग की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर अस्पताल का आदेश रद्द कर दिया गया। बनर्जी के आदेश के बाद अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।
तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने इस हादसे पर कहा, 'सरकार यह जानकर हैरान है कि अस्पताल में सुरक्षा के मानकों की परवाह नहीं की जा रही थी। सबसे ज़्यादा हैरानी की बात यह है कि जब राहत का काम चल रहा था, उस समय अस्पताल प्रबंधन मौके से भाग निकला।'
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