जालंधर. बचपन के दिनों में जिस पिंगला घर में अपने पिता के साथ दान देने के लिए जाया करती थी, आज उसी घर में दान पर मोहताज रहना पड़ रहा है। 50 साल की चंदा का अपराध है सिर्फ दो बेटियां पैदा करना।
बेटा पैदा न कर सकी इसलिए पति ने तलाक दे दिया, राखी बंधवाने वाले भाइयों ने भी आसरा देना मुनासिब नहीं समझा। और तो और नामालूम कारणों से बेटियां भी खैर पूछने नहीं आ रहीं। होमसाइंस में ग्रेजुएट और मॉडल टाउन इलाके के एक हैंडटूल फैक्ट्री के मालिक की यह बेटी इस आस में जी रही है कि एक न एक दिन बेटियां आएंगी जरूर।
17 सालों से पिंगला घर में रहते हुए चंदा मानसिक रूप से बीमार-सी हो गई है। बहुत कुरेदने पर वह पुराने दिनों को याद कर पायीं। सिसकते हुए बोलीं, पति अक्सर मारपीट करता था। एक दिन तलाक दे दिया और दूसरी शादी कर ली। मेरे जीवन में आई इन परेशानियों से गमजदा मेरी मां ने दम तोड़ दिया।
शादी 1986 में लुधियाना के नामी बिजनेसमैन से हुई थी। वहां उनकी आयुर्वेदिक दवा की फैक्ट्री है। शादी के बाद दो बच्चियों को जन्म दिया। बेटा न होने के कारण पति झगड़ा करते थे। कई बार तो मार-पिटाई भी हो जाती थी। तलाक के बाद 1994 में मायके आई।
उसी दौरान पिता की मौत हो गई, तब पिंगला घर आना पड़ा। इन दिनों एक भाई लुधियाना में और दूसरा भाई सऊदी अरब में सैटल है। कभी-कभी भाभियां मिलने तो आ जाती हैं, लेकिन हाथ थाम कर साथ ले जाने को कोई तैयार नहीं हैं। बोलीं, पिंगला घर की जमीन पिता के दोस्त की है। बचपन में यहां पिता के साथ जरूरतमंद लोगों को दान देने आया करती थी। आज यहां..।
बेटा पैदा न कर सकी इसलिए पति ने तलाक दे दिया, राखी बंधवाने वाले भाइयों ने भी आसरा देना मुनासिब नहीं समझा। और तो और नामालूम कारणों से बेटियां भी खैर पूछने नहीं आ रहीं। होमसाइंस में ग्रेजुएट और मॉडल टाउन इलाके के एक हैंडटूल फैक्ट्री के मालिक की यह बेटी इस आस में जी रही है कि एक न एक दिन बेटियां आएंगी जरूर।
17 सालों से पिंगला घर में रहते हुए चंदा मानसिक रूप से बीमार-सी हो गई है। बहुत कुरेदने पर वह पुराने दिनों को याद कर पायीं। सिसकते हुए बोलीं, पति अक्सर मारपीट करता था। एक दिन तलाक दे दिया और दूसरी शादी कर ली। मेरे जीवन में आई इन परेशानियों से गमजदा मेरी मां ने दम तोड़ दिया।
शादी 1986 में लुधियाना के नामी बिजनेसमैन से हुई थी। वहां उनकी आयुर्वेदिक दवा की फैक्ट्री है। शादी के बाद दो बच्चियों को जन्म दिया। बेटा न होने के कारण पति झगड़ा करते थे। कई बार तो मार-पिटाई भी हो जाती थी। तलाक के बाद 1994 में मायके आई।
उसी दौरान पिता की मौत हो गई, तब पिंगला घर आना पड़ा। इन दिनों एक भाई लुधियाना में और दूसरा भाई सऊदी अरब में सैटल है। कभी-कभी भाभियां मिलने तो आ जाती हैं, लेकिन हाथ थाम कर साथ ले जाने को कोई तैयार नहीं हैं। बोलीं, पिंगला घर की जमीन पिता के दोस्त की है। बचपन में यहां पिता के साथ जरूरतमंद लोगों को दान देने आया करती थी। आज यहां..।
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