जोधपुर.आरोप-पत्र के अनुसार भंवरी सीडी बनाकर पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को दो साल से ब्लैकमेल कर रही थी। एक साल से उसकी डिमांड बढ़ गई थी। वह जल संसाधन विभाग के काम में भी हस्तक्षेप करने लगी थी।
आरोप है कि जुलाई में जब सीडी चर्चा में आई तो मदेरणा ने सहीराम और अन्य से इस मामले को निपटाने को कहा। सहीराम ने 4 से 8 अगस्त के बीच सोहनलाल व शहाबुद्दीन से मिलकर सीडी का सौदा 50 लाख रु. में करने की योजना बनाई।
भंवरी सहीराम व सोहनलाल पर विश्वास नहीं करती थी, इसलिए शहाबुद्दीन को मदेरणा का अमीर दोस्त राजू भाई बना कर साथ लिया गया था। अगस्त में भंवरी को ढाई लाख रुपए की पहली किस्त दी गई। शेष रकम सितंबर के पहले हफ्ते में देना तय हुआ। बकाया भुगतान के लिए एक सितंबर को भंवरी को बिलाड़ा बुलाया गया और पूरी वारदात को अंजाम दे दिया गया।
अविश्वास की सीडी :
सोहनलाल, भंवरी का धर्मभाई था। सहीराम से भी वह मदेरणा के यहां मिलता था। बातें सब भरोसे की करते थे, पर सही मायने में किसी को किसी पर भरोसा नहीं था।
भंवरी को इन दोनों पर विश्वास नहीं था इसलिए साजिश के तहत शहाबुद्दीन को मदेरणा का अमीर दोस्त मुंबई निवासी राजू भाई बता कर मिलवाया गया था। ‘राजू भाई’ ने भंवरी को सीडी के बदले पैसे देने का विश्वास दिलाया था। इन तीनों को भी भंवरी पर विश्वास नहीं था इसलिए शहाबुद्दीन ने अपनी बोलेरो में वीडियो प्लेयर लगवाया था, ताकि सीडी चैक कर सके।
1 सितंबर, 8 घंटे और अपहरण का रूट
दोपहर 3:44 बजे : बिलाड़ा
4:01 बजे : बिलाड़ा गांव
शाम 5:24 बजे : अटपड़ा सोजत
5:37 बजे : देवली कलान
6:52 बजे : बीरावास
रात 8:22 बजे : भावी
8:45 बजे : विष्णु की ढाणी
8:4९ बजे : बैनण
9:20 बजे : रामड़ावास
9:24 बजे : खेड़ी सालवा
9:55 बजे : बुचेटी
10:13 बजे : मेलावास
10:43 बजे : नेवरा रोड
11:09 बजे : मथानिया
11:18 बजे : जुड़
11:31 बजे : मथानिया
12:11 बजे : मंडोर जोधपुर
109 गवाहों की सूची
आरोप पत्र में सीबीआई ने 109 गवाहों की सूची लगाई है। इनमें भंवरी का पति अमरचंद, गोपसिंह बरना, अभिषेक चौपड़ा, रेहाना, रोशन बानो, मदेरणा के निजी सचिव राणाराम विश्नोई, जोधपुर में एसबीबीजे में मैनेजर राजीव रंजन, पीडब्ल्यूडी आबूरोड के एक्सईएन बीएल बैरवा, एईएन आरएल बंसल, जोधपुर सर्किट हाउस का स्टाफ, कस्टम इंस्पेक्टर शिवचंद्र मिश्रा व सुरेश कुमार मेहता, सीएफएसएल और एफएसएल के वैज्ञानिक, ग्रामीण एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक, बिलाड़ा एसएचओ भंवरलाल सीरवी, पीपाड़ एसएचओ इंद्रसिंह, फलौदी एसएचओ ओमप्रकाश उज्जवल और सीबीआई एसपी राकेश राठी के साथ सभी अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
119 दस्तावेज लगाए
आरोप पत्र में सीबीआई ने 119 दस्तावेज लगाए हैं। इनमें गुमशुदगी, एफआईआर, इस्तगासा, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, भंवरी का सर्विस रिकॉर्ड, उसकी निजी फाइल, गाड़ियों की आरसी, एग्रीमेंट के स्टांप, सिम कार्ड के कागजात, फर्जी सिम खरीदने की एफआईआर, बोलेरो से बरामद बाल, आबूरोड से बरामद चेन-लॉकेट व रोशनबानो के घर से टी-शर्ट बरामदगी आदि के दस्तावेज शामिल हैं।
हर साल 1 लाख के जेवर खरीदती थी भंवरी
17 हजार रु. महीने की नौकरी करने वाली भंवरी हर साल करीब एक लाख रु. के जेवर खरीदती थी। सात साल से ऐसा चल रहा था। भंवरी बड़े लोगों से दोस्ती करती थी। मनचाही जगह पोस्टिंग करवा लेती थी।
मदेरणा शुक्रवार को ही बने नियम समिति के सदस्य
पूर्व मंत्री मदेरणा को शुक्रवार को विधानसभा की नियम समिति का सदस्य बनाया गया। वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से पहले ही निलंबित हैं, लेकिन पार्टी विधायक दल के सदस्य बने हुए हैं। इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं जब मदेरणा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित हैं तो विधायक दल से उनकी सदस्यता भी स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
सरकारी मुख्य सचेतक रघु शर्मा का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही सचेतक का पद संभाला है। वैसे भी वे इस समय अपने निर्वाचन क्षेत्र में हैं और मदेरणा के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
विधानसभा के कार्यवाहक सचिव कृष्ण मुरारी गुप्ता का कहना है कि मदेरणा को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए जाने के संबंध में विधानसभा सचिवालय को शुक्रवार शाम तक कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। यह सूचना विधायक दल की तरफ से आती है। इसलिए इस समय वे तकनीकी रूप से अभी कांग्रेस विधायक दल के ही सदस्य हैं।
आरोप है कि जुलाई में जब सीडी चर्चा में आई तो मदेरणा ने सहीराम और अन्य से इस मामले को निपटाने को कहा। सहीराम ने 4 से 8 अगस्त के बीच सोहनलाल व शहाबुद्दीन से मिलकर सीडी का सौदा 50 लाख रु. में करने की योजना बनाई।
भंवरी सहीराम व सोहनलाल पर विश्वास नहीं करती थी, इसलिए शहाबुद्दीन को मदेरणा का अमीर दोस्त राजू भाई बना कर साथ लिया गया था। अगस्त में भंवरी को ढाई लाख रुपए की पहली किस्त दी गई। शेष रकम सितंबर के पहले हफ्ते में देना तय हुआ। बकाया भुगतान के लिए एक सितंबर को भंवरी को बिलाड़ा बुलाया गया और पूरी वारदात को अंजाम दे दिया गया।
अविश्वास की सीडी :
सोहनलाल, भंवरी का धर्मभाई था। सहीराम से भी वह मदेरणा के यहां मिलता था। बातें सब भरोसे की करते थे, पर सही मायने में किसी को किसी पर भरोसा नहीं था।
भंवरी को इन दोनों पर विश्वास नहीं था इसलिए साजिश के तहत शहाबुद्दीन को मदेरणा का अमीर दोस्त मुंबई निवासी राजू भाई बता कर मिलवाया गया था। ‘राजू भाई’ ने भंवरी को सीडी के बदले पैसे देने का विश्वास दिलाया था। इन तीनों को भी भंवरी पर विश्वास नहीं था इसलिए शहाबुद्दीन ने अपनी बोलेरो में वीडियो प्लेयर लगवाया था, ताकि सीडी चैक कर सके।
1 सितंबर, 8 घंटे और अपहरण का रूट
दोपहर 3:44 बजे : बिलाड़ा
4:01 बजे : बिलाड़ा गांव
शाम 5:24 बजे : अटपड़ा सोजत
5:37 बजे : देवली कलान
6:52 बजे : बीरावास
रात 8:22 बजे : भावी
8:45 बजे : विष्णु की ढाणी
8:4९ बजे : बैनण
9:20 बजे : रामड़ावास
9:24 बजे : खेड़ी सालवा
9:55 बजे : बुचेटी
10:13 बजे : मेलावास
10:43 बजे : नेवरा रोड
11:09 बजे : मथानिया
11:18 बजे : जुड़
11:31 बजे : मथानिया
12:11 बजे : मंडोर जोधपुर
109 गवाहों की सूची
आरोप पत्र में सीबीआई ने 109 गवाहों की सूची लगाई है। इनमें भंवरी का पति अमरचंद, गोपसिंह बरना, अभिषेक चौपड़ा, रेहाना, रोशन बानो, मदेरणा के निजी सचिव राणाराम विश्नोई, जोधपुर में एसबीबीजे में मैनेजर राजीव रंजन, पीडब्ल्यूडी आबूरोड के एक्सईएन बीएल बैरवा, एईएन आरएल बंसल, जोधपुर सर्किट हाउस का स्टाफ, कस्टम इंस्पेक्टर शिवचंद्र मिश्रा व सुरेश कुमार मेहता, सीएफएसएल और एफएसएल के वैज्ञानिक, ग्रामीण एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक, बिलाड़ा एसएचओ भंवरलाल सीरवी, पीपाड़ एसएचओ इंद्रसिंह, फलौदी एसएचओ ओमप्रकाश उज्जवल और सीबीआई एसपी राकेश राठी के साथ सभी अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
119 दस्तावेज लगाए
आरोप पत्र में सीबीआई ने 119 दस्तावेज लगाए हैं। इनमें गुमशुदगी, एफआईआर, इस्तगासा, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, भंवरी का सर्विस रिकॉर्ड, उसकी निजी फाइल, गाड़ियों की आरसी, एग्रीमेंट के स्टांप, सिम कार्ड के कागजात, फर्जी सिम खरीदने की एफआईआर, बोलेरो से बरामद बाल, आबूरोड से बरामद चेन-लॉकेट व रोशनबानो के घर से टी-शर्ट बरामदगी आदि के दस्तावेज शामिल हैं।
हर साल 1 लाख के जेवर खरीदती थी भंवरी
17 हजार रु. महीने की नौकरी करने वाली भंवरी हर साल करीब एक लाख रु. के जेवर खरीदती थी। सात साल से ऐसा चल रहा था। भंवरी बड़े लोगों से दोस्ती करती थी। मनचाही जगह पोस्टिंग करवा लेती थी।
मदेरणा शुक्रवार को ही बने नियम समिति के सदस्य
पूर्व मंत्री मदेरणा को शुक्रवार को विधानसभा की नियम समिति का सदस्य बनाया गया। वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से पहले ही निलंबित हैं, लेकिन पार्टी विधायक दल के सदस्य बने हुए हैं। इस बारे में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं जब मदेरणा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित हैं तो विधायक दल से उनकी सदस्यता भी स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
सरकारी मुख्य सचेतक रघु शर्मा का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही सचेतक का पद संभाला है। वैसे भी वे इस समय अपने निर्वाचन क्षेत्र में हैं और मदेरणा के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
विधानसभा के कार्यवाहक सचिव कृष्ण मुरारी गुप्ता का कहना है कि मदेरणा को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए जाने के संबंध में विधानसभा सचिवालय को शुक्रवार शाम तक कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी। यह सूचना विधायक दल की तरफ से आती है। इसलिए इस समय वे तकनीकी रूप से अभी कांग्रेस विधायक दल के ही सदस्य हैं।
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