जोधपुर.अब भंवरी मामले के मुख्य आरोपी शहाबुद्दीन और उसकी प्रेमिका रेहाना के बीच हुई बातचीत का टेप बाजार में आया है। माना जा रहा है कि यह टेप सीबीआई पूछताछ के बाद दोनों को जेल में रूबरू कराए जाने के दौरान का है।
जेल में बातचीत रेहाना ने टेप की या सीबीआई ने टेप कराई, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, जेल अधीक्षक एआर नियाजी का कहना है कि दोनों की जेल में मुलाकात ही नहीं कराई गई। भास्कर के पास यह टेप है। टेप में शहाबुद्दीन भंवरी को मार देने या जिंदा होने के बारे में तो कुछ नहीं बताता, लेकिन इतना जरूर कहता है कि सहीराम से हुई बात के अनुसार काम हो गया।
बातचीत के अंश
रेहाना: गैंग को किसने इन्फॉर्म किया, गाड़ी के नंबर क्या हैं, गैंग किसकी है?
शहाबुद्दीन: सहीराम ने इन्फॉर्म किया था, गाड़ी के नंबर पता नहीं। प्रदीप गोदारा की गैंग हो सकती है।
रेहाना: सीबीआई सच पूछना चाहती है।
शहाबुद्दीन: सीबीआई जो पूछना चाहती है, बताने के लिए तैयार हूं। वह झूठ बोलने को कहे तो भी तैयार हूं।
रेहाना: सीबीआई जानना चाहती है वह (सीडी) कहां है। सोहनलाल के पास है या संभावित जगह बता दो।
शहाबुद्दीन: यह पता नहीं कहां है।
रेहाना: ऐसी कोई वीडियो क्लिप है तुम्हारे पास।
शहाबुद्दीन: नहीं, मेरे पास कोई वीडियो क्लिप नहीं है।
रेहाना: तुम्हारे घर पर सीसी कैमरे लगे हैं, उसकी रिकॉर्डिग होती है।
शहाबुद्दीन: हां सीन दिखते हैं, कोई रिकॉर्डिग नहीं है।
रेहाना: मुझे कुछ नहीं पता, मुझे क्यों फंसा रहे हो, गाड़ी नंबर पता है तो बता दो।
शहाबुद्दीन: नहीं मुझे नहीं पता, पता होता तो मैं मार क्यों खाता।
रेहाना: तुमने तो कहा था किसी ने हाथ नहीं लगाया।
शहाबुद्दीन: पूछताछ करेंगे तो.. जो हुआ सो हुआ। मैं मदद करने को तैयार हूं। सीबीआई कहेगी यह चीज बोलनी है या खुलासा करना है तो उसके लिए भी तैयार हूं। एक बात और सुनी है प्रदीप गोदारा की गैंग थी वह, धौलपुर का भी बड़ा गैंगस्टर उसका साथी है।
रेहाना: क्या नाम है उसका।
शहाबुद्दीन: नाम मुझे याद नहीं, बड़ा गैंगस्टर व डकैत है। रेहाना: तुम लोगों को पता ही होगा भंवरी को कहां ले गए, कोई बातचीत हुई होगी।
शहाबुद्दीन: नहीं। सोहनलाल पेशी पर मिलेगा तो पूछूंगा, कहां ले गए। रेहाना: यह नहीं बताया कि भंवरी का क्या किया, जिंदा है या मार दिया। शहाबुद्दीन: नहीं, मुझे कुछ नहीं पता, आबूरोड था तब सहीराम से फोन पर बात हुई थी। उसने कहा काम हो गया। एक मुकदमा और होगा। मिलेगा किसी को कुछ नहीं। शायद मार दिया या कहीं रख भी सकते हैं। रेहाना: बलदेव से कोई बात हुई।
शहाबुद्दीन: नहीं।
रेहाना: सब गवाही दे रहे हैं कि जयराम के नाम से शहाबुद्दीन ने सिम ली थी।
शहाबुद्दीन: मैंने नहीं, सोहनलाल ने ली थी। रेहाना: किस मकसद से यह काम किया। शहाबुद्दीन: कोई मकसद नहीं था, सहीराम के कहने पर उसके साथ हो गया। पैसों का लोभ नहीं था और मैंने कोई गलत काम नहीं किया।
रेहाना: सीडी कहां हो सकती है।
शहाबुद्दीन: सोहनलाल के पास है, इंद्रा के पास है। ये सभी जयपुर साथ गए थे, सब काम वहीं किया था। सोहनलाल के रिश्तेदार मास्टर के पास भी हो सकती है।
रेहाना: तुमने पैसे तो लिए थे।
शहाबुद्दीन: नहीं। मैंने पैसे नहीं लिए थे।
रेहाना: लिए तो थे। शहाबुद्दीन: वो तो मैंने लौटा दिए थे। सोहनलाल ने पैसे लिए थे। मेरे सामने सहीराम ने सोहन को पैसे दिए थे, मुझे भी दिए थे, मगर मैंने लौटा दिए।
(फिर जेल की घंटी बजने लगती हैं और रिकॉर्डिग बंद हो जाती है)
जेल में बातचीत रेहाना ने टेप की या सीबीआई ने टेप कराई, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, जेल अधीक्षक एआर नियाजी का कहना है कि दोनों की जेल में मुलाकात ही नहीं कराई गई। भास्कर के पास यह टेप है। टेप में शहाबुद्दीन भंवरी को मार देने या जिंदा होने के बारे में तो कुछ नहीं बताता, लेकिन इतना जरूर कहता है कि सहीराम से हुई बात के अनुसार काम हो गया।
बातचीत के अंश
रेहाना: गैंग को किसने इन्फॉर्म किया, गाड़ी के नंबर क्या हैं, गैंग किसकी है?
शहाबुद्दीन: सहीराम ने इन्फॉर्म किया था, गाड़ी के नंबर पता नहीं। प्रदीप गोदारा की गैंग हो सकती है।
रेहाना: सीबीआई सच पूछना चाहती है।
शहाबुद्दीन: सीबीआई जो पूछना चाहती है, बताने के लिए तैयार हूं। वह झूठ बोलने को कहे तो भी तैयार हूं।
रेहाना: सीबीआई जानना चाहती है वह (सीडी) कहां है। सोहनलाल के पास है या संभावित जगह बता दो।
शहाबुद्दीन: यह पता नहीं कहां है।
रेहाना: ऐसी कोई वीडियो क्लिप है तुम्हारे पास।
शहाबुद्दीन: नहीं, मेरे पास कोई वीडियो क्लिप नहीं है।
रेहाना: तुम्हारे घर पर सीसी कैमरे लगे हैं, उसकी रिकॉर्डिग होती है।
शहाबुद्दीन: हां सीन दिखते हैं, कोई रिकॉर्डिग नहीं है।
रेहाना: मुझे कुछ नहीं पता, मुझे क्यों फंसा रहे हो, गाड़ी नंबर पता है तो बता दो।
शहाबुद्दीन: नहीं मुझे नहीं पता, पता होता तो मैं मार क्यों खाता।
रेहाना: तुमने तो कहा था किसी ने हाथ नहीं लगाया।
शहाबुद्दीन: पूछताछ करेंगे तो.. जो हुआ सो हुआ। मैं मदद करने को तैयार हूं। सीबीआई कहेगी यह चीज बोलनी है या खुलासा करना है तो उसके लिए भी तैयार हूं। एक बात और सुनी है प्रदीप गोदारा की गैंग थी वह, धौलपुर का भी बड़ा गैंगस्टर उसका साथी है।
रेहाना: क्या नाम है उसका।
शहाबुद्दीन: नाम मुझे याद नहीं, बड़ा गैंगस्टर व डकैत है। रेहाना: तुम लोगों को पता ही होगा भंवरी को कहां ले गए, कोई बातचीत हुई होगी।
शहाबुद्दीन: नहीं। सोहनलाल पेशी पर मिलेगा तो पूछूंगा, कहां ले गए। रेहाना: यह नहीं बताया कि भंवरी का क्या किया, जिंदा है या मार दिया। शहाबुद्दीन: नहीं, मुझे कुछ नहीं पता, आबूरोड था तब सहीराम से फोन पर बात हुई थी। उसने कहा काम हो गया। एक मुकदमा और होगा। मिलेगा किसी को कुछ नहीं। शायद मार दिया या कहीं रख भी सकते हैं। रेहाना: बलदेव से कोई बात हुई।
शहाबुद्दीन: नहीं।
रेहाना: सब गवाही दे रहे हैं कि जयराम के नाम से शहाबुद्दीन ने सिम ली थी।
शहाबुद्दीन: मैंने नहीं, सोहनलाल ने ली थी। रेहाना: किस मकसद से यह काम किया। शहाबुद्दीन: कोई मकसद नहीं था, सहीराम के कहने पर उसके साथ हो गया। पैसों का लोभ नहीं था और मैंने कोई गलत काम नहीं किया।
रेहाना: सीडी कहां हो सकती है।
शहाबुद्दीन: सोहनलाल के पास है, इंद्रा के पास है। ये सभी जयपुर साथ गए थे, सब काम वहीं किया था। सोहनलाल के रिश्तेदार मास्टर के पास भी हो सकती है।
रेहाना: तुमने पैसे तो लिए थे।
शहाबुद्दीन: नहीं। मैंने पैसे नहीं लिए थे।
रेहाना: लिए तो थे। शहाबुद्दीन: वो तो मैंने लौटा दिए थे। सोहनलाल ने पैसे लिए थे। मेरे सामने सहीराम ने सोहन को पैसे दिए थे, मुझे भी दिए थे, मगर मैंने लौटा दिए।
(फिर जेल की घंटी बजने लगती हैं और रिकॉर्डिग बंद हो जाती है)
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