उदयपुर. सौतेले मां-बेटे के नाजायज रिश्ते से परेशान होकर तीन वर्ष पूर्व बहू के आत्महत्या करने के बहुचर्चित मामले में शनिवार को कोर्ट का फैसला आ गया। डबोक क्षेत्र के इस मामले में आरोपियों को पांच-पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
ससुर को संदेह का लाभ मिल गया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक क्रम 1 की पीठासीन रेखा भार्गव ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में डबोक में मेड़ता के काली घाटी निवासी भंवर कुंवर पत्नी देवी सिंह और उसके सौतेले बेटे गुलाब सिंह पुत्र देवी सिंह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने पर धारा 306 के तहत पांच-पांच साल की कठोर कैद व तीन-तीन हजार का जुर्माना, दहेज प्रताडऩा के मामले में धारा 498 ए में तीन साल का कठोर कारावास व एक-एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
ससुर देवी सिंह पुत्र धूल सिंह को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है। पुलिस ने पहले इस मामले में दहेज हत्या की धारा 304 बी और 498 ए के तहत चालान पेश किया था।
पीहर पक्ष के बयानों के आधार पर हुई सजा
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक जय पालीवाल ने 18 गवाह और 34 दस्तावेज पेश किए। पुलिस ने इस मामले में दहेज हत्या की धारा 304 बी और 498 ए के तहत चालान पेश किया था। अदालत ने मृतका सज्जन कुंवर के मां-पिता, भाई-भाभी के बयानों को आधार माना।
सज्जन कुंवर ने पीहर पक्ष को उसके पति व सास के बीच नाजायज संबंध के बारे में बताया था। इस पर धारा 304 बी दहेज हत्या के स्थान पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने पर आईपीसी की धारा 306 के तहत व दहेज प्रताडऩा (498 ए) में अपराध दोष सिद्ध माना।
नाजायज संबंधों से दुखी होकर की थी आत्महत्या
अदालत ने कहा कि मां-बेटे का आचरण ऐसी प्रकृति का था जो मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। अभियुक्त गुलाब सिंह व भंवर कुंवर के संबंध मां-बेटे के समान हैं। इनके बीच इस प्रकार के नाजायज संबंध होना स्वयं में अविश्वसनीय था। जिनको कहीं भी स्वतंत्र रूप से मृतका द्वारा बताया जाना संभव नहीं था।
मृतका वह इसका उल्लेख मात्र अपने परिजनों से ही कर पाई। इसी घुटन के कारण उसने आत्महत्या कर ली थी। यही प्रमाणित होता है।
क्या था मामला :
30 अगस्त 08 को भैरू सिंह ने डबोक थाने में केस दर्ज कराया था कि उसकी 20 वर्षीय बेटी सज्जन कुंवर की शादी डेढ़ साल पूर्व गुलाब सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद ही ससुराल पक्ष सज्जन कुंवर को दहेज के लिए परेशान करते थे। 28 अगस्त 08 को भी सज्जन कुंवर ने फोन कर ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए परेशान करने की बात कही थी।
तब पिता ने सज्जन कुंवर को पीहर बुला लिया था। समझाइश कर वापस अगले दिन ससुराल वापस भेज दिया था। उसी दिन ससुराल जाते ही सज्जन कुंवर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने दहेज हत्या का केस दर्ज किया था।
ससुर को संदेह का लाभ मिल गया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक क्रम 1 की पीठासीन रेखा भार्गव ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में डबोक में मेड़ता के काली घाटी निवासी भंवर कुंवर पत्नी देवी सिंह और उसके सौतेले बेटे गुलाब सिंह पुत्र देवी सिंह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने पर धारा 306 के तहत पांच-पांच साल की कठोर कैद व तीन-तीन हजार का जुर्माना, दहेज प्रताडऩा के मामले में धारा 498 ए में तीन साल का कठोर कारावास व एक-एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
ससुर देवी सिंह पुत्र धूल सिंह को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है। पुलिस ने पहले इस मामले में दहेज हत्या की धारा 304 बी और 498 ए के तहत चालान पेश किया था।
पीहर पक्ष के बयानों के आधार पर हुई सजा
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक जय पालीवाल ने 18 गवाह और 34 दस्तावेज पेश किए। पुलिस ने इस मामले में दहेज हत्या की धारा 304 बी और 498 ए के तहत चालान पेश किया था। अदालत ने मृतका सज्जन कुंवर के मां-पिता, भाई-भाभी के बयानों को आधार माना।
सज्जन कुंवर ने पीहर पक्ष को उसके पति व सास के बीच नाजायज संबंध के बारे में बताया था। इस पर धारा 304 बी दहेज हत्या के स्थान पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने पर आईपीसी की धारा 306 के तहत व दहेज प्रताडऩा (498 ए) में अपराध दोष सिद्ध माना।
नाजायज संबंधों से दुखी होकर की थी आत्महत्या
अदालत ने कहा कि मां-बेटे का आचरण ऐसी प्रकृति का था जो मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। अभियुक्त गुलाब सिंह व भंवर कुंवर के संबंध मां-बेटे के समान हैं। इनके बीच इस प्रकार के नाजायज संबंध होना स्वयं में अविश्वसनीय था। जिनको कहीं भी स्वतंत्र रूप से मृतका द्वारा बताया जाना संभव नहीं था।
मृतका वह इसका उल्लेख मात्र अपने परिजनों से ही कर पाई। इसी घुटन के कारण उसने आत्महत्या कर ली थी। यही प्रमाणित होता है।
क्या था मामला :
30 अगस्त 08 को भैरू सिंह ने डबोक थाने में केस दर्ज कराया था कि उसकी 20 वर्षीय बेटी सज्जन कुंवर की शादी डेढ़ साल पूर्व गुलाब सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद ही ससुराल पक्ष सज्जन कुंवर को दहेज के लिए परेशान करते थे। 28 अगस्त 08 को भी सज्जन कुंवर ने फोन कर ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए परेशान करने की बात कही थी।
तब पिता ने सज्जन कुंवर को पीहर बुला लिया था। समझाइश कर वापस अगले दिन ससुराल वापस भेज दिया था। उसी दिन ससुराल जाते ही सज्जन कुंवर ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने दहेज हत्या का केस दर्ज किया था।
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