मंगलवार, 8 नवंबर 2011

अबोलो ने जुबान दे सरकार ...स्वामी प्रतापपुरी


म्हारी जबान रो तालों खोलो पोस्टकार्ड अभियान 

अबोलो ने जुबान दे सरकार ...स्वामी प्रतापपुरी  


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति तथा राजस्थान मोटियार

परिषद के तत्वाधान में राणी रूपादे संस्थान में म्हारी जुबान रो तालो खोलो

पोस्ट कार्ड अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन स्वामी प्रतापपुरी के मुख्य आतिथ्य में

आयोजित कर सैकड़ो पोस्टकार्ड राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सांसद के नाम राजस्थानी भाषा

को संविधान की आठवी सूची में शामिल कर मान्यता देने का आग्राह किया गया। कार्यक्रम

को सम्बोधित करते हुए स्वामी प्रतापुरी ने कहा कि राजस्थान की संस्कृति, परम्परा तथा

इतिहास का लौहापूरा विश्व मानता है। उन्होने कहा कि राजस्थानी भाषा की मिठास को

पूरा विश्व नमन करता है। विदेशों में राजस्थानी को मान्यता दी गई। हम अपने ही घर में

अबोले है हमारी जुबान पर संवैधानिक ताला लगा हुआ है। इस ताले को खोलने के

उद्देश्य से युवा वर्ग द्वारा चलाया जा रहा अभियान सराहनीय प्रयास है। इस अवसर पर

कमलसिंह राणीगांव ने कहा कि राजस्थानी केवल भाषा ही नही हमारी संस्कृति है। भाषा

के बिना हमारी संस्कृति अधूरी है। पोस्टकार्ड अभियान के माध्यम से केन्द्र सरकार पर

राजस्थानी भाषा को संवैधनिक मान्यता प्रदान करने का दबाव बनेगा। इस अवसर पर

साहित्यकार कन्हैयालाल वक्र ने कहा कि राजस्थानी भाषा दो सौ साल पुरानी है।

राजस्थानी भाषा का शब्द ग्रथ आज भी पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में है। उन्होने कहा कि

महाकवि दिनकर ने भी माना है कि हिन्दी भाषा की जननी राजस्थानी है। राजस्थनी को

आप मान्यता दिलानी चाहिये। इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर

समिति के संयोजक चन्दनसिंह भाटी जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता, राजस्थानी मोतियार

परिषद के रघुवीरसिंह तामलोर, दीपसिंह रणधा, कृष्णसिंह रानीगांव, दिनेश दवें, प्रकाश

जोशी, विजयकुमार, खेतेश कोचरा, पृथ्वीसिंह पंवार स्वरूप सोलकी, मयंक शर्मा दिनेश गौड़,

नरेन्द्रसिंह गहलोत, छोटूसिंह चाडी, कल्याणसिंह चूली, जालमसिंह लुणु सहित कई

कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर राजस्थानी भाषा को संविधान की

आठवी सूची में शामिल कर मान्यता प्रदान करने के लिये राष्ट्रपति प्रधानमंत्री तथा सांसद

को पोस्टकार्ड लिखे गए।

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