बुधवार, 2 नवंबर 2011

आरएएस अफसर सहारण का कार्मिक दफ्तर में निधन

आरएएस अधिकारी हनुमान सारण का निधन
जयपुर। गंगानगर में आम्र्स प्रकरण में निलंबित आरएएस अधिकारी हरलाल सहारण का बुधवार को सुबह सवा नौ बजे यहां कार्मिक विभाग के विजिटिंग रूम में निधन हो गया। वे आठ माह से निलंबित चल रहे थे और फरवरी, 2012 में रिटायर होने वाले थे। सहारण निलंबन और पड़ोसी से चल रहे किसी विवाद को लेकर परेशान थे और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को बहाली की अर्जी देने के लिए आए थे।


कामिर्क विभाग के प्रमुख सचिव खेमराज और विभाग के अन्य कार्मिकों से मिली जानकारी के अनुसार सहारण कार्यालय खुलने से पहले ही यहां आ गए थे और विजिटिंग रूम में बैठकर कार्मिक प्रमुख सचिव के आने के इंतजार कर रहे थे। इसी कक्ष में अधिकारियों और कर्मचारियों के हाजरी रजिस्टर रखे होते हैं।


हस्ताक्षर करने के लिए आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें असहज देखा तो उन्हें पानी पिलाया, पानी पीते ही वे एक ओर लुढ़क गए। वहां मौजूद कर्मचारियों ने सुरक्षा कर्मियों और केयर टेकर से जुड़े अफसरों को जानकारी दी। इस बीच कार्मिक प्रमुख सचिव खेमराज आ गए। उन्होंने अपनी गाड़ी में सहारण को एसएमएस अस्पताल भिजवाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में खेमराज ने भी अस्पताल जाकर उनके परिजनों को सांत्वना दी और पोस्टमार्टम आदि के लिए डॉक्टरों से बातचीत की।



हरलाल सहारण मूल रूप से चूरू जिले के झारिया गांव के रहने वाले थे। वे वर्तमान में जयपुर के चित्रकूट में रह रहे थे। तहसीलदार के पद से आरएएस के रूप में उन्हें 1993 में पदोन्नति मिली थी। वे नवंबर, 2004 से मई, 2007 के दौरान गंगानगर में एडीएम के पद पर पदस्थापित थे। इस अवधि में कथित हथियारों के लाइसेंस मामले में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। एसीबी की जांच के बाद उन्हें बीकानेर जिला परिषद में सीईओ रहने के दौरान उन्हें निलंबित किया गया था। कार्मिक विभाग के सूत्रों के अनुसार उनकी जांच चल रही थी। निलंबन की अवधि में पहले छह माह में अधिकारी को 50 प्रतिशत और उसके बाद 75 प्रतिशत वेतन दिया जाता है।

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