बजरंगबली को मीठा पान चढ़ाएं
शास्त्रों के अनुसार अष्ट चिरंजीवी बताए गए हैं। इनमें से एक हैं हनुमानजी। त्रेतायुग में श्रीराम के सभी बिगड़े कार्य संवारने वाले पवनपुत्र हनुमानजी को माता सीता द्वारा अमरता का वरदान प्राप्त है। इसी वजह से हनुमानजी को चिरंजीवी माना जाता है। आज भी जहां-जहां रामायण का पाठ, सुंदरकांड का पाठ या श्रीरामजी का पूजन आदि किया जाता है वहां बजरंग बली किसी न किसी रूप में अवश्य प्रकट होते हैं।
कलयुग में इनकी भक्ति सभी मनोरथ पूरी करने वाली मानी गई है। हनुमानजी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। ज्योतिष के अनुसार इनकी पूजा से व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह दोषों का प्रभाव स्वत: ही समाप्त हो जाता है। इसी वजह से प्रति मंगलवार और शनिवार को सभी हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। वैसे तो इनका पूजन प्रतिदिन किया जाना चाहिए लेकिन मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को पूजन का विशेष महत्व माना गया है।
यदि कोई व्यक्ति किसी संकट में फंसा हुआ है और उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा या कोई बहुत जरूरी कार्य काफी दिनों से अटका हुआ है या इसी तरह की कोई अन्य परेशानी हो तो हनुमानजी का ध्यान करें। प्रति मंगलवार और शनिवार को बजरंगबली को बिना चूना लगा हुआ एक मीठा पान चढ़ाएं। पान चढ़ाने के साथ ही तेल का दीपक लगाएं, हार-फूल अर्पित करें। प्रार्थना करें कि आपके सभी कार्य पूर्ण हो। इस प्रकार प्रार्थना के बाद हनुमान चालिसा का पाठ करें। यदि पर्याप्त समय हो तो सुंदरकांड का पाठ श्रेष्ठ है।
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