राजस्थान हाईकोर्ट ने बाड़मेर जिले से लगती पाकिस्तानी सीमा पर एक किसान के खेत में तारबंदी करने के बाद पूरा मुआवजा नहीं देने पर रक्षा मंत्रालय, बीएसएफ महानिरीक्षक, राजस्व विभाग, जिला कलेक्टर बाड़मेर व तहसीलदार चौहटन को नोटिस देकर जवाब तलब किया है।
यह आदेश न्यायाधीश आलोक शर्मा ने प्रार्थी चौहटन तहसील के ग्राम जानपालिया निवासी बहादुर की ओर से दायर रिट याचिका की सुनवाई में दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने अदालत में कहा कि बॉर्डर पर आई हुई प्रार्थी की भूमि को वर्ष 1994-95 में अधिग्रहीत कर उसमें तारबंदी की गई थी।
सरकार की ओर से तारबंदी के अंदर की जमीन का मुआवजा तो दे दिया गया, लेकिन तारबंदी के बाहर की जमीन जो कि भारतीय सीमा में ही आती है, उसका मुआवजा आज तक नहीं दिया गया। प्रार्थी ने इस बाबत कई बार सक्षम अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
यह आदेश न्यायाधीश आलोक शर्मा ने प्रार्थी चौहटन तहसील के ग्राम जानपालिया निवासी बहादुर की ओर से दायर रिट याचिका की सुनवाई में दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने अदालत में कहा कि बॉर्डर पर आई हुई प्रार्थी की भूमि को वर्ष 1994-95 में अधिग्रहीत कर उसमें तारबंदी की गई थी।
सरकार की ओर से तारबंदी के अंदर की जमीन का मुआवजा तो दे दिया गया, लेकिन तारबंदी के बाहर की जमीन जो कि भारतीय सीमा में ही आती है, उसका मुआवजा आज तक नहीं दिया गया। प्रार्थी ने इस बाबत कई बार सक्षम अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
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