रविवार, 11 सितंबर 2011

टूथपेस्‍ट से कैंसर होने का खतरा, कई ब्रांडों में निकोटिन का स्‍तर बढ़ा



नई दिल्‍ली. एक सरकारी अध्‍ययन में यह बात सामने आई है कि कई ब्रांड के टूथपेस्‍ट और टूथपाउडरों में निकोटिन मिला हुआ है। दिल्‍ली इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ फार्मास्‍यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक कई मशहूर ब्रांड के टूथपेस्‍ट के निर्माता उच्‍च मात्रा में निकोटिन मिलाते हैं। इनसे कैंसर होने का खतरा हो सकता है। यह संस्‍थान दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से संबंद्ध है और इसकी फंडिंग दिल्‍ली सरकार की ओर से होती है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपे इस अध्‍ययन के मुताबिक 2011 में 24 ब्रांड के टूथपेस्‍ट और टूथपाउडरों पर रिसर्च किया गया। इस अध्‍ययन से जुड़े प्रोफेसर एस एस अग्रवाल के मुताबक सात ब्रांडों- कोलगेट हर्बल, हिमालया, नीम पेस्‍ट, नीम तुलसी, आर ए थर्मोसील, सेंसोफॉर्म और स्‍टोलिन में निकोटिन की मात्रा पाई गई।




प्रोफेसर अग्रवाल के मुता‍बिक हर्बल प्रोडक्‍ट के तौर पर मशहूर कोलगेट हर्बल और नीम तुलसी में 18 और 10 मिली ग्राम निकोटिन पाया गया है। इतनी निकोटिन क्रमश: नौ और पांच सिगरेट में रहती है।



उन्‍होंने बताया कि टूथपाउडरों के 10 में से छह ब्रांड- डाबर रेड, विक्‍को, मुसा का गुल, पायोकिल, उनाडेंट और अल्‍का दंतमंजन में भी निकोटिन की मात्रा मिली है। पायोकिल में सबसे अधिक 16 मिग्रा तम्‍बाकू की मात्रा पाई गई। निकोटिन का इतना डोज आठ सिगरेट पीने से मिलता है।

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