मदेरणा पर दबाव,दे सकते हैं इस्तीफा
जयपुर। राजस्थानी संगीत की कई एलबमों में काम कर चुकी एएनएम भंवरी देवी का अब तक कोई अता-पता नहीं है, लेकिन उसके साथ संबंधों की तपिश में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ सकता है। सूत्रों की मानें, तो गुरूवार शाम तक वे अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दे सकते हैं।
माना जा रहा है कि मामले में सरकार की ओर से सीबीआई जांच की घोष्ाणा के बाद से मदेरणा पर इस्तीफा देने का दबाव बना हुआ है। हालांकि, इस्तीफे को लेकर फिलहाल मदेरणा ने चुप्पी साध रखी है।
सूत्रों के अनुसार, जोधपुर की एएनएम भंवरी देवी मामले में मंत्री महिपाल मदेरणा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इधर एएनएम पिछले काफी समय से लापता है और पुलिस उसकी खोज मे जुटी हुई है। इतने दिन से लापता एएनएम के मामले में यह आशंका जताई जा रही है कि उसका कत्ल कर दिया गया है। मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलवाई थी। इसके बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री से मुलाकात
संभावना है कि मदेरणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही इस प्रकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस मीटिंग के दौरान मदेरणा जांच होने तक अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप सकते हैं।
फिर विवाद में एक मंत्री
भंवरी देवी प्रकरण में नाम आने के साथ ही मदेरणा राज्य मंत्रिमंडल के विवादास्पद मंत्रियों की सूची में शामिल हो गए हैं। इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री बाबूलाल नागर, संपदा व मोटर गैराज राज्य मंत्री भरोसीलाल जाटव भ्रष्टाचार के मामले में जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा अन्य मंत्रियों पर भी आरोप लगते रहे हैं।
फिलहाल इनमें से एक भी मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा नहीं सौंपा है। इसके विपरीत पार्टी आलाकमान के खिलाफ बोलने वाले एक मंत्री अमीन खां को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि अमीन खां के इस्तीफे के बाद खुद अमीन ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों पर उंगली उठाई थी।
जयपुर। राजस्थानी संगीत की कई एलबमों में काम कर चुकी एएनएम भंवरी देवी का अब तक कोई अता-पता नहीं है, लेकिन उसके साथ संबंधों की तपिश में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता परसराम मदेरणा के पुत्र महिपाल मदेरणा को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ सकता है। सूत्रों की मानें, तो गुरूवार शाम तक वे अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दे सकते हैं।
माना जा रहा है कि मामले में सरकार की ओर से सीबीआई जांच की घोष्ाणा के बाद से मदेरणा पर इस्तीफा देने का दबाव बना हुआ है। हालांकि, इस्तीफे को लेकर फिलहाल मदेरणा ने चुप्पी साध रखी है।
सूत्रों के अनुसार, जोधपुर की एएनएम भंवरी देवी मामले में मंत्री महिपाल मदेरणा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इधर एएनएम पिछले काफी समय से लापता है और पुलिस उसकी खोज मे जुटी हुई है। इतने दिन से लापता एएनएम के मामले में यह आशंका जताई जा रही है कि उसका कत्ल कर दिया गया है। मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलवाई थी। इसके बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री से मुलाकात
संभावना है कि मदेरणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही इस प्रकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस मीटिंग के दौरान मदेरणा जांच होने तक अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप सकते हैं।
फिर विवाद में एक मंत्री
भंवरी देवी प्रकरण में नाम आने के साथ ही मदेरणा राज्य मंत्रिमंडल के विवादास्पद मंत्रियों की सूची में शामिल हो गए हैं। इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री बाबूलाल नागर, संपदा व मोटर गैराज राज्य मंत्री भरोसीलाल जाटव भ्रष्टाचार के मामले में जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा अन्य मंत्रियों पर भी आरोप लगते रहे हैं।
फिलहाल इनमें से एक भी मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा नहीं सौंपा है। इसके विपरीत पार्टी आलाकमान के खिलाफ बोलने वाले एक मंत्री अमीन खां को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि अमीन खां के इस्तीफे के बाद खुद अमीन ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों पर उंगली उठाई थी।
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