श्रद्धा का अटूट संगम
भादरवी पूनम के निकट आने के साथ ही अंबाजी जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं की उमड़ रही भीड़
बारिश में भी श्रद्धालुओं की आस्था अपार, जगह-जगह सेवा कार्य में लगे लोग
आबूरोड
भादरवी पूनम के निकट आने के साथ ही अंबाजी का मेला परवान पर है। मुख्य मेला 12 सितंबर को भरा जाएगा।अंबाजी जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं की आस्था तेज बारिश में भी चरम पर है। यात्रा दल जनसैलाब के रूप में अंबाजी की ओर उमड़ रहे हैं। अंबाजी में इस समय भारी जन सैलाब उमड़ा हुआ है, जहां यात्रियों के दल माताजी की शोभायात्रा, जय घोष व धार्मिक गीतों के साथ अम्बाजी की ओर बढ़े चले आ रहे हैं। अब तक के अनुमान के अनुसार 7 लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किए, वहीं साढ़े 3 लाख लोगों ने प्रसाद व भोजन ग्रहण किया। वहीं मंदिर में 50 लाख रुपए की आवक हुई है। मंदिर के सूत्रों के अनुसार मंदिर में आने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक है। इस बार मंदिर में 358 सोने के कलश चढ़ाए जाएंगे, जो अब तक की संख्या में सर्वाधिक है।
आबूरोड में भी जनसैलाब उमड़ा
पूनम के आने के साथ ही अंबाजी आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यह क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। आबूरोड में ट्रेन व बस की सुविधा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग आबूरोड आ रहे हैं।
बारिश में भी श्रद्धालुओं की आस्था अपार, जगह-जगह सेवा कार्य में लगे लोग
आबूरोड
भादरवी पूनम के निकट आने के साथ ही अंबाजी का मेला परवान पर है। मुख्य मेला 12 सितंबर को भरा जाएगा।अंबाजी जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं की आस्था तेज बारिश में भी चरम पर है। यात्रा दल जनसैलाब के रूप में अंबाजी की ओर उमड़ रहे हैं। अंबाजी में इस समय भारी जन सैलाब उमड़ा हुआ है, जहां यात्रियों के दल माताजी की शोभायात्रा, जय घोष व धार्मिक गीतों के साथ अम्बाजी की ओर बढ़े चले आ रहे हैं। अब तक के अनुमान के अनुसार 7 लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किए, वहीं साढ़े 3 लाख लोगों ने प्रसाद व भोजन ग्रहण किया। वहीं मंदिर में 50 लाख रुपए की आवक हुई है। मंदिर के सूत्रों के अनुसार मंदिर में आने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक है। इस बार मंदिर में 358 सोने के कलश चढ़ाए जाएंगे, जो अब तक की संख्या में सर्वाधिक है।
आबूरोड में भी जनसैलाब उमड़ा
पूनम के आने के साथ ही अंबाजी आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यह क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। आबूरोड में ट्रेन व बस की सुविधा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग आबूरोड आ रहे हैं।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जहां सुविधाओं के लिए टेंट व भंडारे का आयोजन किया गया है, वहीं श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए स्वयंसेवी संस्थान व चिकित्सा टीमें आगे आई हैं। वहां दर्शनार्थियों के छाले, पांव में हुए दर्द को श्रद्धाभाव से इलाज किया जा रहा है। यहां सेवा भाव का एक अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहां जात-पांत व ऊंच-नीच के साथ सभी भेदभाव को मिटाकर लोग श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं। शनिवार को पैदल जत्थे में शामिल एक श्रद्धालु के पैर में चोट लग गई। रास्ते में सेवा कार्य में लगे शहरवासियों ने उसकी सेवा की।
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