मोदी के उपवास के ऎलान पर कांग्रेस का वार
नई दिल्ली। गुलबर्गा सोसायटी दंगा मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले को दुष्प्रचार अभियान का पटाक्षेप बताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक सदभावना और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए सदभावना मिशन के तहत 17 सितम्बर से तीन दिन का उपवास करने की घोषणा की है। उधर कांग्रेस ने कहा कि बेहतर होता कि मोदी उपवास नहीं बल्कि प्रायश्चित करते।
गुजरात के लोगों के नाम लिखे खुले पत्र में मोदी ने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश से एक बात स्पष्ट है कि 2002 के दंगों के बाद मेरे और गुजरात सरकार के खिलाफ बेबुनियाद और झूठे आरोपों के आधार पर बनाए गए माहौल का अब पटाक्षेप हो गया है।
पिछले दस वर्ष से मेरी और गुजरात की आलोचना फैशन बन गया था। मोदी ने लिखा है कि यह कहना मुश्किल है कि दुष्प्रचार का यह अभियान इस फैसले के बाद रूकेगा या नहीं लेकिन यह निश्चित है कि दुष्प्रचार करने वाले लोगों की विश्वसनीयता कम जरूर हुई है। देश के लोग अब इनकी बातों को नहीं सुनेंगे। उन्होंने कहा है कि सामाजिक सदभावना और भाईचारे की भावना को बढ़ाने के लिए वह सदभावना मिशन शुरू करने की योजना बना रहे हैं और इसके तहत वह 17 सितम्बर से तीन दिन तक उपवास करेंगे। इससे गुजरात में शांति, एकता और सदभावना का माहौल बनेगा।
बेहतर होता मोदी प्रायश्चित करते : कांग्रेस
कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिन का उपवास करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि बेहतर होता कि वह प्रायश्चित करते। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और गुजरात के प्रभारी मोहन प्रकाश ने 17 सितंबर से तीन दिन का उपवास करने की मोदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा और उसके नेता पाखंड में विश्वास करते हैं बेहतर होता कि मोदी प्रायश्चित करते। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में 68 व्यक्तियों की जानें गई।
इस सोसायटी में फंसे लोग राज्य के मुख्यमंत्री, शासन और प्रशासन से जान बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी जान बचाने में सरकार और प्रशासन विफल रहे। इसकी जवाबदेही भी राज्य सरकार नहीं लेना चाहती और अपनी नाकामी को जीत बता रही है।
नई दिल्ली। गुलबर्गा सोसायटी दंगा मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले को दुष्प्रचार अभियान का पटाक्षेप बताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक सदभावना और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए सदभावना मिशन के तहत 17 सितम्बर से तीन दिन का उपवास करने की घोषणा की है। उधर कांग्रेस ने कहा कि बेहतर होता कि मोदी उपवास नहीं बल्कि प्रायश्चित करते।
गुजरात के लोगों के नाम लिखे खुले पत्र में मोदी ने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश से एक बात स्पष्ट है कि 2002 के दंगों के बाद मेरे और गुजरात सरकार के खिलाफ बेबुनियाद और झूठे आरोपों के आधार पर बनाए गए माहौल का अब पटाक्षेप हो गया है।
पिछले दस वर्ष से मेरी और गुजरात की आलोचना फैशन बन गया था। मोदी ने लिखा है कि यह कहना मुश्किल है कि दुष्प्रचार का यह अभियान इस फैसले के बाद रूकेगा या नहीं लेकिन यह निश्चित है कि दुष्प्रचार करने वाले लोगों की विश्वसनीयता कम जरूर हुई है। देश के लोग अब इनकी बातों को नहीं सुनेंगे। उन्होंने कहा है कि सामाजिक सदभावना और भाईचारे की भावना को बढ़ाने के लिए वह सदभावना मिशन शुरू करने की योजना बना रहे हैं और इसके तहत वह 17 सितम्बर से तीन दिन तक उपवास करेंगे। इससे गुजरात में शांति, एकता और सदभावना का माहौल बनेगा।
बेहतर होता मोदी प्रायश्चित करते : कांग्रेस
कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिन का उपवास करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि बेहतर होता कि वह प्रायश्चित करते। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और गुजरात के प्रभारी मोहन प्रकाश ने 17 सितंबर से तीन दिन का उपवास करने की मोदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा और उसके नेता पाखंड में विश्वास करते हैं बेहतर होता कि मोदी प्रायश्चित करते। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में 68 व्यक्तियों की जानें गई।
इस सोसायटी में फंसे लोग राज्य के मुख्यमंत्री, शासन और प्रशासन से जान बचाने की गुहार लगाते रहे लेकिन उनकी जान बचाने में सरकार और प्रशासन विफल रहे। इसकी जवाबदेही भी राज्य सरकार नहीं लेना चाहती और अपनी नाकामी को जीत बता रही है।
कांग्रेस ने तो बहुत प्रायश्चित कर लिये ।
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