विभाग मौन मलेरिया का प्रकोप बढ़ा
बाड़मेर मलेरिया का डंक बाड़मेर के लिए परेशानी बन चुका हैं ! सितम्बर माह खत्म होने को हैं लेकिन करीब साधे तीन हजार मलेरिया के मामले सरकारी फाइलों में दर्ज़ हुए हैं वही नीम हकीमो और निजी चिकित्सालयों में कही ज्यादा आंकड़े सामने आये हैं ! विभाग अब तक 6048 गाँवो में से विभाग मात्र 132 गाँवो में ही डी डी टी का छिडकाव कर पाया हैं जो एक गंभीर मामला हैं ! विभाग का एक ही बहाना हैं कि छिडकाव के लिए मजदुर नहीं मिल रहे हैं !
बाड़मेर में मलेरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। मच्छरों ने दिन का चैन व रातों की नींद उड़ा रखी है। वहीं मलेरिया व मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीज घर-घर कराह रहे हैं। विभागीय स्तर पर मलेरिया की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है। ग्रामीणों को मजबूरन निजी चिकित्सालयों अथवा नीम हकीमों की शरण लेकर उपचार करवाना पड़ रहा है।
दुर्गसिंह राजपुरोहित
बाड़मेर मलेरिया का डंक बाड़मेर के लिए परेशानी बन चुका हैं ! सितम्बर माह खत्म होने को हैं लेकिन करीब साधे तीन हजार मलेरिया के मामले सरकारी फाइलों में दर्ज़ हुए हैं वही नीम हकीमो और निजी चिकित्सालयों में कही ज्यादा आंकड़े सामने आये हैं ! विभाग अब तक 6048 गाँवो में से विभाग मात्र 132 गाँवो में ही डी डी टी का छिडकाव कर पाया हैं जो एक गंभीर मामला हैं ! विभाग का एक ही बहाना हैं कि छिडकाव के लिए मजदुर नहीं मिल रहे हैं !
बाड़मेर में मलेरिया का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। मच्छरों ने दिन का चैन व रातों की नींद उड़ा रखी है। वहीं मलेरिया व मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीज घर-घर कराह रहे हैं। विभागीय स्तर पर मलेरिया की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है। ग्रामीणों को मजबूरन निजी चिकित्सालयों अथवा नीम हकीमों की शरण लेकर उपचार करवाना पड़ रहा है।
चिकित्सा विभाग द्वारा इस बार मलेरिया रोधी दवाईयों का छिड़काव संपूर्ण क्षेत्र में नहीं करवाया गया है। इससे मच्छरों का प्रजनन व प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ गया है। सभी गांवों में मलेरिया ने तेजी से पांव पसारे हैं। हालात बेकाबू होने के बाद भी महकमे के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
विभागीय आंकड़े खुद इस बात का गवाह है कि मलेरिया किस तेजी से अपने पांव पसार रहा है। वही सही इलाज नहीं होने के कारण हमेशा अस्पताल में परिजनों और कर्मचारियो के बीच झगड़े होते रहते हैं ! चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकिशोर महेश्वरी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं जो आंकड़े छुपाने में लगे हैं ! उन्होंने तो इस मामले में कोई भी बात करने से भी इनकार कर दिया !
विभागीय आंकड़े खुद इस बात का गवाह है कि मलेरिया किस तेजी से अपने पांव पसार रहा है। वही सही इलाज नहीं होने के कारण हमेशा अस्पताल में परिजनों और कर्मचारियो के बीच झगड़े होते रहते हैं ! चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकिशोर महेश्वरी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं जो आंकड़े छुपाने में लगे हैं ! उन्होंने तो इस मामले में कोई भी बात करने से भी इनकार कर दिया !
17 से 22 सितंबर के दौरान विभाग द्वारा अकेले राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर में 324 मलेरिया पीवी और 21 मलेरिया पी एफ के रोगी पाए गए हैं !जो बहुत बड़ा चिंता का कारण बना हुआ हैं ! लेकिन विभाग आंकड़े छुपा रहा हैं ! पड़ताल कि तो एक सप्ताह के आंकड़े कुछ इस तरह थे
राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर
मलेरिया पीवी के रोगी मलेरिया पी एफ के रोगी
18 सितम्बर 2011 23 0 शून्य
19 सितम्बर 2011 29 1
20 सितम्बर 2011 52 1
21 सितम्बर 2011 35 0
22 सितम्बर 2011 41 2
23 सितम्बर 2011 45 6
24 सितम्बर 2011 99 11
राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर
मलेरिया पीवी के रोगी मलेरिया पी एफ के रोगी
18 सितम्बर 2011 23 0 शून्य
19 सितम्बर 2011 29 1
20 सितम्बर 2011 52 1
21 सितम्बर 2011 35 0
22 सितम्बर 2011 41 2
23 सितम्बर 2011 45 6
24 सितम्बर 2011 99 11
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