सोमवार, 12 सितंबर 2011

मुख्यमंत्री ने दूदू से की जननी शिशु सुरक्षा योजना की शुरुआत, प्रसूताओं-नवजात शिशुओं को निशुल्क यात्रा सुविधा

मुख्यमंत्री ने दूदू से की जननी शिशु सुरक्षा योजना की शुरुआत, प्रसूताओं-नवजात शिशुओं को निशुल्क यात्रा सुविधा

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को दूदू में जननी शिशु सुरक्षा योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि अब समय पर निशुल्क इलाज मिलने से प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। यह प्रदेश की बड़ी योजनाओं में से एक है और इसकी सफलता आमजन के सहयोग के बिना पूरी नहीं होगी। गहलोत ने कहा कि शुरुआत में कुछ स्तरों में कमियां आ सकती हैं, लेकिन इन्हें धीरे-धीरे ठीक कर लिया जाएगा।


योजना के राज्य स्तरीय समारोह में गहलोत ने कहा कि देश में सालाना 65 हजार महिलाओं की मौत गर्भावस्था जटिलताओं से होती है। जन्म के 4 सप्ताह के भीतर मरने वाले 9 लाख नवजात शिशुओं में से करीब 7 लाख जन्म के एक सप्ताह के भीतर ही दम तोड़ देते हैं। राजस्थान में सालाना 5300 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था संबंधित जटिलताओं के कारण हो जाती है। इसी तरह शिशु जन्म के एक साल के भीतर लगभग 98500 शिशुओं की मौत हो जाती है।
एक माह के भीतर मरने वाले 66800 शिशुओं में से एक सप्ताह के भीतर 50700 नवजात शिशु दम तोड़ देते हैं। गहलोत ने कहा कि अगले दो दिन तक योजना का ब्लॉक स्तर पर शुभारंभ कार्यक्रम जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में एक लाख 18 हजार वाहन प्रसूताओं को लाने-ले जाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें आठ हजार अकेले जयपुर में हैं। इधर प्रदेश के विभिन्न भागों में भी प्रभारी मंत्रियों ने सोमवार को विभिन्न जिलों में योजना की शुरुआत की।

फसलों के नुकसान का आंकलन होगा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए सरकार के स्तर पर आंकलन किया जाएगा। इस आंकलन के बाद उन्हें यथासंभव मदद दी जाएगी।


मुफ्त इलाज और अन्य सुविधाएं: गर्भवती महिलाओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव के पश्चात 6 सप्ताह तक और बीमार नवजात शिशुओं को 30 दिवस की उम्र तक सभी दवाइयां नि:शुल्क उपलब्ध होंगे। प्रसूताओं एवं 30 दिन के नवजात शिशुओं की राजकीय चिकित्सालय में उपलब्ध सभी प्रकार की जांच नि:शुल्क की जाएंगी।

संस्थागत प्रसव होने पर अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान सभी गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत सामान्य प्रसव के लिए तीन दिन तक एवं सिजेरियन ऑपरेशन के लिए 7 दिन तक नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। महिला को घर से चिकित्सा संस्थान तक, प्रसव के बाद डिस्चार्ज होने पर चिकित्सा संस्थान से वापस घर तक नि:शुल्क परिवहन की सुविधा दी जाएगी।

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