सोमवार, 12 सितंबर 2011

कॉल गर्ल्स का मायाजाल, कुछ यूं फांसती है जाल में और फिर...

नई दिल्ली।राजधानी दिल्ली में विदेशी कॉलगर्ल्स का धंधा जबरदस्त तरीके से फल-फूल रहा है। ये कॉलगर्ल्स अपने धंधे को चलाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहती हैं। यहीं वजह है कि कॉलगर्ल्स ड्रग्स का सेवन करने वाले दलालों को अपने झांसे में फंसाती हैं।
सेक्स के धंधे को भारत में बिना किसी रोक-टोक से चलाने के लिए सबसे पहले विदेशी कॉलगर्ल्स को भारत की नागरिकता की जरूरत होती है। बस फिर क्या नागरिकता के लिए वह अपने जाल में लोगों को फं साना शुरू करती हैं। विदेशी कॉलगर्ल्स को नागरिकता पाने के लिए सबसे आसान तरीका शादी करना लगता है। इसके लिए वह ड्रग एडिक्ट दलालों को अपने झांसे में फंसाती है। कई बार विदेशी बालाएं ठीक -ठाक दिखने वाले बेरोज़गार युवकों को भी अपने प्यार के जाल में फांस कर कोर्ट मैरेज कर लेती हैं। बाद में उस युवक को ड्रग एडिक्ट बना देती हैं। एक बार ड्रग की लत लग जाने के बाद वह युवक हमेशा के लिए कॉलगर्ल पर निर्भर रहता है। चूंकि अपनी लतों को पूरा करने के लिए युवक को कॉलगर्ल पर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए वह कॉलगर्ल का राज भी अपने तक ही सीमित रखता है।

दिल्ली के सरिता विहार क्षेत्र में पिछले 5 साल से सेक्स रैकेट से जुड़ी और इस धंधे में दो बार गिरफ्तार हो चुकी एक कॉलगर्ल ने दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत की। काल्पनिक नाम सिल्वेनिया ने बताया कि दिल्ली आने के बाद उसकी मुलाकात दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के डिस्कोथेक में फरीदाबाद के नामी बिल्डर से हुई थी। पहली मुलाकत प्यार में बदल गई और सिल्वेनिया ने संबध बनाने के लिए योजना के अनुसार उस बिल्डर के समक्ष शादी का प्रस्ताव रख दिया। बिल्डर ने दूसरी पत्नी के रूप में उससे शादी कर सरिता विहार में फ्लैट दे दिया और उसके साथ यहीं रहने लगा। मैरिज के कागजात के आधार पर सिल्वेनिया ने भारत की नागरिकता भी हासिल कर ली और साल बाद पति से तलाक ले लिया।

दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा के एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि रूसी गणराज्यों के अलावा जार्डन सहित कई देशों की आने वाली सैक्स रैकेट से जुड़ी विदेशी कॉलगर्ले नागरिकता हासिल करने के लिए ‘मैरिज’ को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन दिनों में इस तरह के मामलों में तेजी आई है और यह चिंता का विषय है।

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