शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

रामलीला राम जन्म पर जयकारों से गूंजा पांडाल


रामलीला   राम जन्म पर जयकारों से गूंजा पांडाल

बाड़मेर भगवान श्री राम के जन्म प्रसंग के साथ ही जय हो, श्री राम की जय हो उद्घोष के साथ पांडाल में बैठे दर्शकों ने एक दूसरे को प्रभु श्री राम के जन्म की बधाई दी। यह नजारा है गुरुवार रात सुमेर गोशाला के पास स्थित शिव कुटिया में स्थित रामलीला मंचन का, । गुरुवार को दूसरे दिन राम के जन्म प्रसंग के साथ ही रामलीला का मंचन हुआ। भगवान राम के जन्म पर पूरी अयोध्या नगरी में खुशियां छा गई। राम व लक्ष्मण बाल्यावस्था में ही अपनी वीरता दिखाना शुरु कर देते हंै। राक्षसों के उत्पात से परेशान विश्वामित्र ऋषि ने राजा दशरथ से निर्विघ्न यज्ञ पूर्ण करने के लिए राम और लक्ष्मण को उनके साथ भेजने की बात कही। रास्ते में श्रीराम ताड़का का वध करते हैं। ताड़का वध के प्रसंग पर पांडाल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित रामलीला मंचन के दूसरे दिन दर्शकों की संख्या बढऩे पर पांडाल छोटा नजर आया। लोग पांडाल के बाहर खड़े होकर रामलीला देख रहे थे। दर्शकों में युवाओं के साथ ही बच्चों व महिलाओं की भीड़ ज्यादा रही।

आर्थिक मदद बढ़े तो बात बने :रामलीला में अपनी कला से दर्शकों का दिल जीतने वाले कलाकार व कमेटी के सदस्यों ने भास्कर को अपनी पीड़ा सुनाई। कमेटी के अध्यक्ष 67वर्षीय नंदलाल बंसल बता रहे थे कि पिछले 33 वर्षों से हम रामलीला का मंचन करते आ रहे हैं। नगर पालिका की ओर से मात्र 20 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है,जो पर्याप्त नहीं होता। हमारे पास अच्छा मंच व आधुनिक सुविधाएं नहीं है। नगरपालिका हमें मात्र 20,000 रुपए देती है, लेकिन हमारा खर्च करीबन एक लाख से भी ज्यादा होता है। इस बार स्कूल का मैदान खाली करवाने की वजह से स्टेज व लाइट का खर्चा भी बढ़ गया।

नयापन जरूरी: राम का किरदार करने वाले कलाकार पवन परिहार बताते है कि नौ साल से रामलीला से जुड़ा हुआ हूं। मैने रामलीला में अलग-अलग कई किरदार निभाए हैं। अब रामलीला में नयापन लाने की जरूरत है।

कलाकार स्वरूप वासू बताते है कि मैं पिछले तीस साल से रामलीला से जुड़ा हुआ हूं। राम व रावण के किरदार को छोड़कर सारे किरदार निभाए हैं। मुझे भीखू लौहार का किरदार निभाने में आनंद आता है। लेकिन मेकअप व ड्रैस को लेकर थोड़ा मलाल होता है।

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