बुधवार, 7 सितंबर 2011

पंचायतीराज मंत्री की पंच-सरपंचों को अन्ना बनने की नसीहत



जयपुर। राज्य के पंचायतीराज मंत्री भरतसिंह ने प्रदेश के पंच-सरपंचों से अन्ना हजारे की राह पर चलने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अन्ना की निष्ठा-ईमानदारी से सीख लेते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में विकास योजनाओं को क्रियान्वित करना चाहिए।


हंगर प्रोजेक्ट की ओर से आयोजित राज्य के महिला पंच-सरपंचों के सम्मेलन में भरतसिंह ने अन्ना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अन्ना ने अपने गांव में घर-घर जाकर खामियां ढूंढी और फिर उसका समाधान भी निकाला। उनकी निष्ठा-ईमानदारी की सीख विकास योजनाओं को क्रियान्वित करते हुए हमें भी लेनी चाहिए।


मंत्री के अन्ना को लेकर आ रहे बयान से एकबारगी तो सभागार में कुछ देर के लिए सन्नाटा सा पसर गया, लेकिन बाद में पंच-सरपंचों ने भी खूब तालियां बजाईं। सिंह ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था को स्वराज से लागू करने का सपना कांग्रेस ने देखा था और इसे लागू भी किया। राज्य में आधे से अधिक महिला पंच-सरपंच हैं।


योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी भी आपकी ही है। सिंह ने कहा कि गांवों में आज भी तकलीफें हैं। साफ-सफाई की कमी है। शौचालय बन जाते हैं, लेकिन काम में नहीं आते। उन्होंने कहा कि आवासीय योजनाओं में जो प्लाट या मकान दिए जाएंगे, वे महिलाओं के नाम ही होंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग भू्रण हत्या करते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं, हमें शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाना होगा।

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