मंगलवार, 6 सितंबर 2011

सताने लगा जल काल का भय!



बाड़मेर। बाड़मेर सहित कई क्षेत्रों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान शहर में तीस मिलीमीटर बारिश हुई जबकि रामसर में बारह मिलीमीटर बारिश हुई। शेष जिले में बादल छाये रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। थार की धरा पर सोमवार को भी इन्द्रदेव की मेहरबानी रही। शहर में रविवार को दिन में शुरू हुआ दौर रात में भी जारी रहा।

आधी रात बाद बारिश बंद हुई,लेकिन सोमवार अलसुबह यह दौर फिर आरम्भ हुआ। सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक आधा घण्टा अच्छी बारिश होने से परनाले चली। इसके बाद करीब दो-तीन घण्टे तक बारिश रूकी रही। दोपहर तीन बजे से पांच बजे तक फिर बारिश का दौर चला। बारिश के चलते शहर में जगह-जगह पानी भर गया। कई घरों में पानी टपकने लगा। पांच बजे के बाद फिर बारिश बंद हो गई। इसके बाद लोेग घरों से निकले। शाम छह बजे बादल फिर बरसने लगे।

कार्यालयों में भी दिखी कमी
बारिश के चलते सरकारी कार्यालयों में भी आमजन की कमी नजर आई। विभिन्न कार्यालयों में कार्मिक नजर जरूर आए, लेकिन कहीं पर भी आमजन नजर नहीं आ रहे थे। कचहरी परिसर में भी न्यायालय परिसर के समक्ष लोग थे, लेकिन कलक्ट्रेट व तहसील परिसर में कम ही लोग नजर आ रहे थे।

खस्ता हाल सड़कें बनी परेशानी का सबब : शहर की खस्ता हाल सड़कें बारिश में आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गई है। शहर के किसान छात्रावास से राजकीय चिकित्सालय तक की सड़क पर इसके चलते दिन में कई बार टै्रफिक जाम की स्थिति रही। वहीं हाई स्कूल रोड, राय कॉलोनी रोड सहित विभिन्न सड़कों पर बने गड्डे दुपहिया वाहन चालकों के लिए जान जोखिम में डालने का साधन बन गए।

बसों में सवारियां कम
बारिश के चलते निजी व रोडवेज की बसों में सवारियां कम दिखी। दिन भर रूक-रूक कर बारिश होने व गांवों में भी अच्छी बारिश होने का असर इस पर दिखा।

डिस्कॉम की राहत
बारिश के बावजूद डिस्कॉम ने विद्युत कटौती नहीं कर आमजन को राहत दी। एक-दो बार कुछ समय के लिए विद्युत कटौती हुई, लेकिन पूरे दिन विद्युत आपूर्ति सुचारू रही।

शिव. कस्बे सहित आसपास के सभी गांवों में रविवार रात्रि एवं सोमवार को पूरे दिन रूक-रूककर हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। क्षेत्र में भरपूर बारिश के बावजूद होने वाली इस बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। खरीफ की फसलों को तेज गर्मी नहीं मिलने से नमी के कारण कीटों से इसको नुकसान होने की संभावना है। साथ ही बाजरा एवं ग्वार में फसल पकने की गति मंद है। क्षेत्र के समतली भागों में पानी जमा होने के साथ राजडाल, देवका, पूषड, बीस, बलाई एवं जोरानाडा गांवों में पानी जमा होने से मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया। सोमवार को शिव, फलसूंड मार्ग पर बीसू के पास सड़क पर पानी के बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया।

बालोतरा. बालोतरा व सिवाना क्षेत्र में सोमवार को भी कई स्थानों पर रिमझिम व मूसलाधार वर्षा हुई।

मोकलसर. मानसून की सक्रियता के चलते सोमवार सुबह कस्बे मोकलसर सहित रमणिया,काठाड़ी, राखी, खण्डप, सेवाली, भागवा, मायलावास, लुदराड़ा, वालू, मोतीसरा, मवड़ी, डाबली आदि गांवों में एक घंटे जमकर तेज बारिश हुई।

समदड़ी. कस्बे सहित आस पास गांवों में सोमवार शाम करीब आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। गलियों व सड़कों में पानी के हुए भराव पर आवागमन को लेकर वाहन चालकों व पैदल राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ी।

सताने लगा जल काल का भय!
बाड़मेर। बरसात...बरसात...बरसात और कितनी बरसात, अब तो बस करो भगवान। अब बस नहीं करोगो तो बनी हुई बात भी बिगड़ जाएगी। किसानों के जेहन यही आवाज निकल रही है। उनका कहना है कि यदि बरसात का दौर ऎसे ही जारी रहा तो फसलें जल मार हो जाएगी और जल काल की स्थिति हो जाएगी।

पिछले चार दिन से बाड़मेर जिले में निरंतर बरसात हो रही है। खेतों में फसलें भी लहलहा रही है। गडरारोड व रामसर क्षेत्र को छोड़कर शेष्ा जिले में फसलों की स्थिति बहुत बढिया है। रामसर व गडरारोड क्षेत्र में फसलें अभी शैशवास्था में है, लेकिन शेष जिले में फसलें परवान चढ़ गई है। खासकर बाजरे की फसल के सिट्टा निकल आया है और अब इसमें दाना पड़ने वाला है। पिछले चार दिन से जो बरसात का दौर चल रहा है, उसने परवान चढ़ी फसलों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है।

खासकर कठोर जमीन में पानी का भराव हो गया है और पिछले तीन से फसलें पानी में ही है। रेतीली जमीन में खड़ी फसलें अभी भी पूर्णतया सुरक्षित स्थिति में है, लेकिन बरसाती पानी की अधिकता व झड़ रहने के कारण बाजरे की फसल के जड़ों के पास वाले पत्ते पीले पड़ने लगे हैं। किसानों का कहना है कि आगामी तीन-चार दिन तक मौसम का हाल यही रहा तो जलकाल से इनकार नहीं किया जा सकता। भारी मात्रा में खराबा हो जाएगा।

धूप खिले तो बात बने
पैंसठ वर्षीय किसान गेमरसिंह ने बताया कि अब बरसात की जरूरत नहीं है। अब तो तेज धूप की जरूरत है। मौसम यदि साफ हो जाए और धूप खिल जाए तो बाजरे की बम्पर पैदावार होगी, लेकिन यदि मौसम साफ नहीं हुआ और यही स्थिति बनी रही तो नुकसान हो जाएगा।

ग्वार को नुकसान नहीं
अभी जिस तरह का मौसम बना हुआ है, उससे बाजरे की फसल पर संकट के बादल घिरे हैं, लेकिन ग्वार की फसल को अभी कोई नुकसान नहीं होने वाला। किसान बताते हैं कि बारिश की अधिकता से ग्वार की फसल के अच्छे उत्पादन के आसार बढ़ जाएंगे।

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