शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

शव ले जाने के लिए भी मांग रहे थे रुपये

हाई कोर्ट ब्लास्ट पीड़ितों को गुरुवार को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। किसी ने वक्त पर शव न मिलने की शिकायत की तो किसी का कहना था कि उन्हें शव के ऊपर डालने के लिए कपड़ा आदि साथ लेकर आने के लिए कहा गया था। वहीं कई लोगों ने यह आरोप भी लगाया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी ले जाने और मोर्चरी से घर ले जाने के लिए सैकड़ों रुपये मांगे गए।
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ब्लास्ट में जान गंवाने वाली वसंत विहार की नलिनी के रिश्तेदार पी. के. अग्रवाल का कहना था कि नलिनी की मौत बुधवार को दोपहर 12 बजे ही हो गई थी, बावजूद इसके 2 बजे तक उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई कि शव कब दिया जाएगा और पोस्टमॉर्टम हो चुका है अथवा नहीं। गुस्साए रिश्तेदारों ने 2 बजे यहां पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का घेराव भी किया। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री का जवाब था कि हमारी प्राथमिकता घायलों को उचित इलाज देने की है।

प्रमोद चौरसिया के परिजनों का आरोप था कि प्रमोद का शव आरएमएल से लेडी हार्डिंग की मोर्चरी तक ले जाने के लिए एंबुलेंस वालों ने 1200 रुपये मांगे और मोर्चरी से किराड़ी ले जाने के लिए उनसे 3500 रुपयों की मांग की गई। प्रमोद के रिश्तेदारों का कहना था आरएमएल अस्पताल ने शवों को ले जाने के लिए प्राइवेट वैन मंगा रखी थी। उन्हें जो वैन मुहैया कराई गई थी उसका नंबर-एचआर 69 बी 6802 था। इस वैन में आरएमएल से एक साथ तीन शव ले जाए गए और तीनों के परिजनों से 12 सौ-12 सौ रुपये लिए गए। इसी वैन को जब उन्होंने किराड़ी ले जाने के लिए अनुरोध किया तो 3500 रुपये की मांग की गई।

कुछ मृतकों के रिश्तेदारों का कहना था कि उन्हें अपने साथ कपड़ा और पॉलिथीन लेकर आने के लिए कहा गया था, हालांकि लेडी हार्डिंग अस्पताल प्रशासन ने इससे इनकार किया है।

गुरुवार को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी के बाहर लोगों का तांता लगा हुआ था। क्षत-विक्षत शवों का पोस्टमॉर्टम यहां सुबह से ही शुरू हो गया था। करीब पांच घंटे पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया चली। पोस्टमॉर्टम करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि यहां लाए व्यक्तियों के शरीर में लोहे की मोटी व नुकीली कीलें, शीशे के टुकड़े, ब्लेड और प्लास्टिक के टुकड़े अंदर तक घुस गए थे। इसके अलावा काले रंग का पाउडर भी मिला है। शवों से निकले सभी तत्वों को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रूम में फॉरेंसिक विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर से लेकर विभागाध्यक्ष तक सभी डॉक्टर मौजूद थे।

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