शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

धूमधाम से निकली ठाकुरजी की सवारी

धूमधाम से निकली ठाकुरजी की सवारी

बालोतरा देवझूलनी एकादशी पर गुरुवार को लूणी नदी के तट पर मेला भरा। एकादशी पर शहर के विभिन्न मंदिरों से गाजे-बाजे के साथ देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से सजी रेवाडिय़ां निकाली गईं। रेवाड़ी जिधर से निकली श्रद्धालु पीछे हो लिए। भक्ति गीतों पर नाचते-गाते श्रद्धालुओं व जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।

शाम 4 बजे रुघनाथजी का मंदिर से होती हुई रेवाड़ी लक्ष्मी मंदिर, लालजी का मंदिर, सैनजी महाराज का मंदिर, वनु माता मंदिर, सदर बाजार होते हुए लूणी नदी के तट पर स्थित वृंदावन उद्यान पहुंची जहां पर इन रेवाडिय़ों को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया। यहां से इन प्रतिमाओं को स्नान करवाकर पुन: मंदिर परिसर में लाया गया। मंदिरों में देवी-देवताओं की आरती कर भोग लगाकर श्रद्धालुओं में प्रसादी का वितरण किया गया।

जसोल. देवझूलनी एकादशी के उपलक्ष्य में गुरुवार को स्थानीय नयापुरा स्थित नर्मदेश्वर तालाब के किनारे मेले का आयोजन किया गया। कस्बे के सभी मंदिरों से गाजे-बाजे के साथ देव प्रतिमाओं से सजी-धजी रेवाडिय़ां निकाली गई। शाम चार बजे रामद्वारा स्थित मंदिर से गाजे-बाजे व भजन मंडली के साथ रेवाड़ी रवाना हुई। कस्बे के विभिन्न मंदिरों से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से सजी रेवाडिय़ों को स्थानीय नर्मदेश्वर तालाब के किनारे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया। तालाब पर मूर्तियों को विधिविधान के साथ शाही स्नान स्नान करवाने के बाद रेवाडिय़ों को भजन मंडलियों के साथ पुन: मंदिरों में पहुंचाया गया।

पचपदरा. स्थानीय हनुमान मंदिर, रुघनाथ मंदिर व चारभुजा मंदिर से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को श्रृंगारित कर ठाकुरजी की रेवाड़ी निकाली गई। रेवाड़ी भगवान के जयकारों के साथ तहसील मार्ग, भारत माता चौक व मुख्य बाजार से होते हुए नगर के रामघाट में स्थित नरसिंग द्वार लाई गई। यहां पर पुजारियों की ओर से जल लाकर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करवाकर मंगल आरती उतारी गई। ठाकुरजी को भोग लगाकर प्रसादी का वितरण किया गया। देवझूलनी एकादशी के अवसर पर निकली रेवाड़ी में कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्रों से आए कई श्रद्धालु उपस्थित थे। श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-- अर्चना कर सीताराम महाराज से आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

रमणिया. क्षेत्र के रमणिया, काठाड़ी, मोकलसर सहित आस-पास के क्षेत्रों में गुरुवार को देवझूलनी एकादशी के अवसर पर ठाकुरद्वारे से भगवान कृष्ण की रैली निकाली गई। गाजे-बाजे व ढोल-ढमाकों के साथ निकली रेवाड़ी के दौरान सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु जय कन्हैयालाल की हाथी-घोड़ा पालकी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। ठाकुदद्वारे से पैच का चौक में ठाकुरजी को स्नान करवाकर जुलूस के साथ ठाकुरद्वारे पहुंचाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की ओर से फल व मतीरे के बीजों का ठाकुरजी को भोग लगाया गया।

सिवाना. देवझूलनी एकादशी के अवसर पर कस्बे सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कस्बे सहित पादरु व मेली गांव में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को शृंगार कर रेवाड़ी का आयोजन किया गया। कस्बे में निकाली गई रेवाड़ी मुख्य बाजार, बस स्टैंड, गांधी चौक होते हुए आशापुरा मंदिर पहुंची। इस दौरान ग्रामीण धार्मिक गीतों पर झूमते-गाते भगवान के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गायों को हरा चारा व गुड़ खिलाकर धार्मिक कार्य भी किए।

समदड़ी. कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्रों देवझूलनी एकादशी के अवसर पर विभिन्न मंदिरों से श्रंगारित देवी-देवताओं की प्रतिमा निकाली गई। रेवाड़ी निकालने के दौरान श्रद्धालु भजन की धुनों पर नाचते-गाते भगवान के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इस के बाद तालाब पर भगवान की प्रतिमाओं को स्नान करवाकर पुन: मंदिर परिसर लाया गया जहां भगवान को भोग चढ़ाया गया। इस दौरान सिलोर स्थित तालाब व करमावास के गवई तालाब पर भाई-बहनों ने समंदर हिलोरे।

पाटोदी. कस्बे में देवझूलनी एकादशी पर विभिन्न मंदिरों से देवी-देवताओं की श्रृंगारित प्रतिमाओं की रेवाड़ी निकाली गई। रेवाड़ी शाम 6 बजे ठाकुरजी के मंदिर से मैन बाजार होते हुए गाजे-बाजे के साथ तालाब पर पहुंची जहां पर भगवान को स्नान करवाया गया। इसके बाद प्रतिमाओं को पुन: मंदिर लाया गया जहां पर भगवान को भोग लगाकर श्रद्धालुओं में प्रसादी का वितरण किया गया।

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