मंगलवार, 6 सितंबर 2011

उमर ने की थी पाकिस्तान की तरफदारी


नई दिल्ली. विकिलीक्स के ताज़े खुलासे ने भारत सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है। खोजी वेबसाइट पर जारी अमेरिका के गुप्त राजनयिक दस्तावेज के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय पर 2005 में कश्मीर समस्या के समाधान के लिए सामने आए प्रस्तावों को नकारने का आरोप लगाया है।

अमेरिका के रिपब्लिकन सांसद डॉन बर्टन ने उमर अब्दुल्ला के हवाले से राजनयिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार के पास पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए कोई योजना नहीं है। 2005 में जारी हुए केबल के मुताबिक, तत्कालीन लोकसभा सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा था कि एक ऐसी पार्टी के अगुवा के तौर पर अगर कश्मीर समस्या के समधान के लिए कोई हल है तो वह उन्हें भी दिखाया जाना चाहिए। हालांकि, उमर ने कहा था कि भारत सरकार के पास ऐसा कोई रोडमैप नहीं है।

दस्तावेज में डॉन बर्टन ने उमर के हवाले से लिखा, 'जम्मू-कश्मीर मामले में पाकिस्तान, भारत से पिछले कुछ सालों में अपनी स्थिति बदलने के मामले में आगे निकल गया है। पाकिस्तान काफी हद तक झुका है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री असाधारण उपाय के बारे में सोचना शुरू करें।' केबल के मुताबिक उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि हर बार जब भी कोई नया प्रस्ताव आता है, विदेश मंत्रालय सबसे पहले इसकी हवा निकाल देता है। उमर के हवाले से केबल कहता है कि भारत सरकार जैसी स्थिति है, उससे खुश है। केबल में अब्दुल्ला के हवाले से लिखा गया है, 'इस मामले में समाधान तब नहीं सामने आएगा, जब भारत और पाकिस्तान चाहेंगे बल्कि यह तब आएगा जब बाकी दुनिया इसकी मांग करेगी।'

अमेरिका में एशिया-प्रशांत की अंतरराष्ट्रीय संबंध समिति के उपाध्यक्ष बर्टन ने 2005 में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए भारत का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान बर्टन ने उमर के अलावा कई अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की थी।

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