मुंबई।। चार महीने पहले राजकीय रेलवे पुलिस को रेलवे ट्रैक पर एक लाश मिली थी। पुलिस ने इसे दुर्घटना का मामला समझ ऐक्सिडेंटल केस रजिस्टर कर लिया। जब कोर्ट के आदेश पर केस को री- ओपन किया गया तो मामला कुछ और ही लग रहा है। दरअसल, मृतक के भाई को शुरू से ही मौत के पीछे दुर्घटना नहीं, गहरी साजिश नजर आ रही थी और वह केस को फिर से खुलवाने के लिए कोर्ट की शरण में गया।
35 साल के दयालाल डूंगरजी पाटीदार की लाश भयंदर के निकट रेल ट्रैक पर 5 जून को मिली थी। तब से लेकर अब तक चार महीने तक यह मामला पुलिस की फाइलों में शट केस के तौर पर रहा, लेकिन दयालाल के बड़े भाई तेजपाल को शक था कि भाई की मौत दुर्घटना नहीं हत्या है। तेजपाल का आरोप है कि दयालाल की 26 वर्षीय पत्नी जयमाला का कमलेश नाम के आदमी से अफेयर चल रहा था। दयालाल के नपुंसक होने की वजह से जयमाला परेशान रहती थी।
कोर्ट ने तेजपाल की अर्जी पर जीआरपी को एफआईआर दर्ज कर मामले की पूरी जांच करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने पुलिस को 20 सितंबर तक जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा है।
पुलिस ने 5 जून को मिली बॉडी को चार दिन तक रखा ताकि उसकी शिनाख्त करने के लिए कोई आए लेकिन किसी सगे-संबधी के न पहुंचने पर पुलिस ने दाह संस्कार कर दिया। कुछ दिनों बाद दयालाल का भाई तेजपाल थाने पहुंचा। पुलिस द्वारा शव की तस्वीर दिखाने पर तेजपाल को कुछ शक हुआ। तेजपाल ने बताया, 'जब कोई व्यक्ति ट्रैक पर गाड़ी के नीचे आने की वजह से मरता है तो बॉडी कई टुकड़ों में कटी होती है। लेकिन फोटो में साफ दिखा कि केवल सिर के हिस्से पर चोट है। मैंने यह बात पुलिस को बताई तो मेरी बात को दरकिनार कर दिया। जब मुझे लगा कि वे मेरे भाई की मौत पर न्याय नहीं देंगे, मैं कोर्ट की शरण में पहुंचा।'
तेजपाल ने कोर्ट को बताया कि दयालाल भी शादी से नाखुश था और पति-पत्नी में झगड़ा होता रहता था। पत्नी बार-बार कहती थी कि दयालाल नपुंसक है। इसी बीच जयमाला अपने मायके राजस्थान चली गई थी।
पुलिस जांच से पता चला कि जयमाला और उसके पिता ने दयालाल से छुटकारा पाने का प्लान बनाया। दयालाल ने आश्वासन देकर जयमाला को घर वापस बुला लिया। तब जयमाला के पिता ने अपने भाई वेल्गी और कमलेश के साथ मिलकर दयालाल को फंसाने की साजिश रची। वेल्गी के भयंदर स्थित होटल हनुमान में दयालाल को नौकरी दिलवाने के बाद उन्होंने उसे शराब की लत लगा दी। कोर्ट के कहने पर पुलिस ने जयमाला, वेल्गी, नात्सी और कमलेश के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज किया। तेजपाल के वकील का कहना है कि केस रजिस्टर होने के तीन महीने बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं की गई।
वसाई जीआरपी के सीनियर पुलिस अधिकारी का कहना है कि कोर्ट से आदेश हमें मिल गए लेकिन पुलिस टीम राजस्थान के गांव भेजी जानी है और चारों आरोपियों के फोन रिकॉर्डस चेक किए जाने बाकी हैं। पुलिस का दावा है कि दो बार पुलिस राजस्थान जा चुकी है।
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