शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

अन्‍ना बोले- किसी के दबाव में नहीं आना है, डरने की कोई बात नहीं



रालेगण सिद्धि. रालेगण सिद्धि पहुंचने के बाद पहली बार अन्‍ना हजारे शुक्रवार की सुबह लोगों के सामने आए। जिस आश्रम में हजारे ठहरे हैं, उससे वह कुछ सेकंड के लिए बाहर निकले। हालांकि इस दौरान उन्‍होंने मीडियाकर्मियों से कोई बात नहीं की।
हालांकि 'इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन' ने अन्‍ना के हवाले से कहा है कि किसी के दबाव में नहीं आना है, डरने की कोई बात नहीं है। उनका यह बयान उनके सहयोगियों अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्‍वास को आयकर विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
फिलहाल अन्ना के गांव में आज भोज का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 15 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उम्‍मीद है कि अन्‍ना कुछ देर बाद ग्राम सभा को भी संबोधित करेंगे।
भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत का सपना देख रहे अन्‍ना हजारे 12 दिन के अनशन के बाद काफी कमजोर हो गए हैं। वह इतने कमजोर हो गए हैं कि गुरुवार को अपने गांव रालेगण सिद्धि में गणेश प्रतिमा स्‍थापना के लिए भी नहीं आए। गांव में जब से गणेश उत्‍सव मनाया जा रहा है, तब से ऐसा पहली बार हुआ है कि अन्‍ना के बिना ही प्रतिमा स्‍थापन की गई।

अन्‍ना की देखभाल कर रहे स्‍थानीय डॉक्‍टर डी जी पोते ने आज बताया कि अन्‍ना की सेहत में सुधार हो रहा है। अन्‍ना का वजन बढ़ रहा है। हालांकि उन्‍हें पूरी तरह ठीक होने में हफ्ता भर लगेगा। डॉक्‍टर के मुताबिक अन्‍ना को कमजोरी महसूस हो रही है। डॉ. पोते अभी पुणे से यहां आए हैं। हालांकि वह रालेगण सिद्धि के ही हैं।

अन्‍ना बुधवार रात करीब डेढ़ बजे रालेगण के पद्मावती मंदिर स्थित भक्‍त निवास के कमरे में आराम करने गए तो उसके बाद से निकले ही नहीं। गुरुवार दिन भर गणेश उत्‍सव के लिए उनका इंतजार होता रहा। लेकिन शाम को संदेशा आया कि वह कमजोरी के चलते नहीं आ सकते। किसी दलित व्‍यक्ति के हाथों प्रतिमा स्‍थापित करवा ली जाए। गांव में महाराष्‍ट्र और देश के कई हिस्‍सों से लोग जुटे थे। इस उम्‍मीद के साथ कि उन्‍हें गणपति बप्‍पा के साथ-साथ अन्‍ना की भी एक झलक देखने को मिलेगी, लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी। संभव है, अन्‍ना आज शाम ग्रामसभा को संबोधित करें। सोमवार को वह मीडिया से भी बात कर सकते हैं।

रालेगण सिद्धि के सरपंच जयसिंह मापारी के मुताबिक गांव में दस साल से अन्‍ना के कहने पर 'एक गांव, एक गणपति' के सिद्धांत पर गणेश उत्‍सव मनाया जा रहा है। हर साल अन्‍ना खुद प्रतिमा की स्‍थापना करते थे और पूजा-पाठ करते थे, लेकिन इस बार उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से असमर्थता जता दी। मापारी ने कहा कि उनका इंतजार करने के बाद हमने उनके निर्देशों के मुताबिक ही दलित समुदाय के एक शिक्षक के हाथों प्रतिमा स्‍थापित करवाई। उन्‍होंने बताया कि गांव में अन्‍ना के स्‍वागत की जबरदस्‍त तैयारी थी, लेकिन अन्‍ना ने शुक्रवार को ग्राम सभा की बैठक तक सब टाल देने के लिए कहा।

अन्‍ना 16 अगस्‍त से रामलीला मैदान में अनशन पर थे। 28 अगस्‍त को अनशन तोड़ने के बाद उन्‍हें गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। 31 अगस्‍त की रात वह अस्‍पताल से अपने गांव के लिए निकल गए। हर समय उनके साथ रहने वाले सुरेश पठारे का कहना है कि अन्‍ना के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। वह डॉक्‍टरों की सलाह पर आराम कर रहे हैं।

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