सोमवार, 12 सितंबर 2011

aap ki kasam-karvate badalte rahe

ख़ास लिखा है ख़त मैं, ज़रा ... प्यार एक दरिया है , और मेहमूब उसकी सरहद। *****. जुखा कर उठा न सके सर मेरे सवाल ..



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