गुरुवार, 8 सितंबर 2011

दिल्ली ब्लास्ट में 8 गिरफ्तार: फरीदाबाद में मिली कार, पटना से जुड़ रहे तार

नई दिल्ली. दिल्ली में बुधवार को हुए बम विस्फोट में बड़ी मात्रा में कील का इस्तेमाल किया गया था। यह खुलासा हुआ है फॉरेसिंक रिपोर्ट में। इस रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों ने पीईटीएन नाम के विस्फोटक का प्रयोग किया था और डिजिटल टाइमर की मदद से विस्फोट कराया गया था। इस बीच, बम विस्फोट करने वालों को पकड़वाने वालों के लिए पांच लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया गया है। केंद्रीय गृह सचिव राजकुमार सिंह ने यह ऐलान किया है।

इस मामले में अब तक 8 लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने किश्तवाड़ से तीन, फैजाबाद से दो, बलरामपुर से एक और आंध्र प्रदेश से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है। पटना में एनआईए के नेतृत्व में संयुक्त जांच टीम एक शख्स को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने एटीएम चोरी करके पैसे निकाले हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने उत्तर प्रदेश के चंदौली में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शमीम की तलाश में छापा मारा लेकिन शमीम हाथ नहीं आया। शमीम पर वाराणसी के शीतला घाट पर विस्फोट करने का आरोप है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रहने वाले 28 साल के शहजाद नाम के युवक को गिरफ्तार कर सूबे की पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ में जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक शहजाद पुणे में मजदूरी करता है। शहजाद का चेहरा स्केच से सामने दो चेहरों में से एक से मिलता है। शहजाद को बलरामपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया।


एनआईए की एक टीम जम्मू के किश्तवाड़ और एक अन्य टीम लखनऊ में भी है। गौरतलब है कि विस्फोट के कुछ घंटों बाद किश्तवाड़ के एक साइबर कैफे से दिल्ली के कुछ मीडिया संस्थानों को ईमेल भेजा गया था। सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक हाई कोर्ट के बाहर हुए बम धमाके के आधे घंटे के भीतर इस इलाके से कई फोन कॉल्‍स खाड़ी देशों में किए गए। दिल्‍ली पुलिस इनमें से करीब दो दर्जन कॉल्‍स पर नजर रखी है और इनकी जांच की जा रही है।
दिल्ली बम धमाकों के तार पटना से जुड़ रहे हैं। इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने पटना के कार मालिक पर नजरें गड़ा दी हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि पटना के इस शख्स की कार का इस्तेमाल दिल्ली बम ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद भागने में किया गया। जांच अधिकारियों ने गुरुवार को बताया, ‘कुछ लोगों का कहना है कि इस संदिग्ध कार मालिक ने कई लोगों को धोखा दिया है और उसका चेहरा उस स्केच से मिलताजुलता है जो दिल्ली पुलिस ने जारी किया है। पुलिस ने कार को फरीदाबाद के पास बरामद किया है। अब इस आदमी की तलाश है।’ यह कार सिल्वर रंग की सैंट्रो है, जो 2009 में चोरी हुई थी। ये कार दिल्ली में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के नाम से रजिस्टर है। 28 नवंबर, 2009 को इस कार की चोरी के मामले में दरियागंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 26 अगस्त को इसी गाड़ी का चालान कटा था। गाड़ी का नंबर डीएल 9 सीए 6034 और इंजन का नंबर 020269 है। कार का चेसिस नंबर 020362 है।

धमाके के करीब तीन घंटे बाद हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हूजी) ने कुछ मीडिया समूहों को भेजे ई-मेल में इस हमले को अंजाम देने का दावा किया। ई-मेल के अनुसार अफजल गुरु को फांसी की सजा माफ कराने के लिए यह विस्फोट किया गया। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट उसके निशाने पर हैं। संसद पर हमले के मामले का मुजरिम अफजल फिलहाल जेल में बंद है।

इस बीच, बम धमाके में मरने वालों की तादाद बढ़कर 12 हो गई है। गंभीर रूप से घायल एक शख्स ने आज सुबह दम तोड़ दिया। दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर बुधवार की सुबह गेट नंबर 4 और 5 के बीच सुबह 10:14 बजे धमाका हुआ था। धमाके की तीव्रता का अंदाजा इसी से लग जाता है कि इसकी चपेट में आए कुछ लोगों के हाथ व पैर धड़ से अलग हो गए। कुछ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। धमाके की गूंज मौके से लगभग दो किमी दूर विजय चौक तक सुनाई दी। विस्फोट से करीब एक फुट गहरा और चार फीट चौड़ा गड्ढा हो गया।

100 ग्राम पीईटीएन तबाह कर देगा कार
पेंटाएरिथ्रीटॉल ट्राइनाइट्रेट (पीईटीएन) की 100 ग्राम मात्रा एक कार को तबाह करने के लिए काफी होती है। पीईटीएन प्लास्टिक विस्फोटक है। इसे किसी भी आकर ढाला जा सकता है। जानकारों के मुताबिक यह आरडीएक्स से भी खतरनाक होता है। दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों में से एक अल कायदा इस विस्फोटक का इस्तेमाल आम तौर पर करता है।

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