गुरुवार, 8 सितंबर 2011

बाडमेर, आज की ताजा खबर. 08 सितंबर। स्वास्थ्य सेवाएं


प्रभारी मंत्री व सचिव करेंगे जननी षिषु सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ
बायतू में 12 को, धोरीमन्ना में 13 और सिवाणा में 14 सितंबर को लगेगा कैंप, विभाग जुटा तैयारी में
बाडमेर। मातृ एवं षिषु स्वास्थ्य को लेकर राज्यस्तर पर शुरू हो रहे अति महत्वाकांक्षी जननी षिषु सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ बाडमेर जिले में जिले के प्रभारी मंत्री व प्रभारी सचिव करेंगे। शुभारंभ समारोह की विस्तृत रूप रेखा एवं कार्यक्रम की सूची राज्यस्तर से जारी कर दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गणपतसिंह राठौड़ के निर्देषन में विभागीय तैयारी जोरों पर है।
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिष्नोई ने बताया कि राज्य में गर्भवती महिला व जननी के साथ नवजात शिशु को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में हर प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाने के लिए 12 से 14 सितंबर के अंतराल में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है। इसी के तहत बाडमेर में 12 सितंबर को बाडमेर, बायतू व सिणधरी ब्लॉक का संयुक्त कार्यक्रम बायतू में सुबह दस बजे होगा। इसी दिन शिव ब्लॉक का कार्यक्रम शिव में दोपहर ढाई बजे होगा। 13 सितंबर को सुबह दस बजे धोरीमन्ना में और दोपहर ढाई बजे चौहटन ब्लॉक में तथा 14 सितंबर को सुबह दस बजे बालोतरा तथा दोपहर ढाई बजे सिवाणा ब्लॉक में कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। शुभारंभ अवसर पर प्रत्येक कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा, जिसमें विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं, जननी व शिशुओं की जांच करेंगे। इस दौरान सरकार की विभिन्न योजनाओं का आईईसी के जरिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। कार्यक्रम से एक दिन पूर्व संबंधित क्षेत्र में गाड़ी के द्वारा शिविर के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि अधिकाधिक ग्रामीण लाभान्वित हो सकें। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी, सीडीपीओ, तहसीलदार, चिकित्सा संस्थान के प्रभारी चिकित्सक एवं बीसीएमओ की एक समिति का गठन किया गया है।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी - सीएमएचओ डॉ. राठौड़
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार की इस अति महत्वाकांक्षी कार्यक्रम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी तथा इनके स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत संस्थागत प्र्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन, दवाईयां व अन्य सामग्री, लैब जांच, भोजन, ब्लड एवं रैफरल ट्रांसपोर्ट पूर्णतः निःशुल्क रहेंगे। संस्थागत प्रसव होने पर अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान गर्भवती महिलाओं को तीन दिन तक तथा सिजेरियन ऑपरेशन होने पर सात दिन निःशुल्क भोजन दिया जाएगा। प्रसव के दौरान एवं प्रसवोंपरांत छह सप्ताह तक आवश्यकता पड़ने पर रक्त भी निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए घर से चिकित्सा संस्थान तक तथा प्रसवोपरांत डिस्चार्ज के बाद संस्थान से वापिस घर तक निःशुल्क परिवहन सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को बेहद लाभ मिला है, लेकिन अब इस कार्यक्रम की शुरूआत होने से शिशु भी लाभान्वित होंगे तथा उन्हें 30 दिन तक निःशुल्क उपचार व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

आलमसर में एमसीएचएन मेला आयोजित

बाडमेर। चोहटन ब्लॉक के आलमसर आंगनबाड़ी केंद्र पर गुरूवार को एमसीएचएन मेला आयोजित किया गया। इस दौरान गांव की गर्भवती महिलाओं, जननी एवं नवजात शिशुओं का टीकाकरण किया गया तथा उनकी जांच की गई। किशोरी बालिकाओं को पोषाहार वितरण किया गया तथा उन्हें आयरन फोलिक गोलियां दी गई। मेले के दौरान स्वास्थ्य विभाग के संभाग स्तरीय अधिकारी डॉ. उमेश सिंह तथा जिला आईईसी कोर्डिनेटर विनोद बिश्नोई, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, ब्लॉक आशा सुपरवाईजर प्रेम प्रकाश मीणा, एएनएम सुनीता यादव तथा आशा सहयोगिन धन्नीदेवी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा यदि ग्रामीण महिलाएं जागरूक हो जाएं तो स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आप अधिकाधिक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। आईईसी कोर्डिनेटर विनोद बिश्नोई ने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण योजना के बारे में विस्तार

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