मंगलवार, 6 सितंबर 2011

बाडमेर, आज की ताजा खबर. .... 06 सितंबर।


तीन पंचायत समितियांे के कार्यक्रम अधिकारियांे का वेतन रोका
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राज्य सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत लाखांे रूपए के समायोजन मंे लेटलतीफी एवं जारी मस्टररोलांे के अनुपात मंे वेज लिस्ट निर्धारित नहीं होने पर चौहटन,बालोतरा एवं धोरीमन्ना पंचायत समिति के कार्यक्रम अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए। पूर्व मंे भी चार कार्यक्रम अधिकारियांे का वेतन आहरित नहीं करने के निर्देश दिए गए थे।
बाड़मेर, 06 सितंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 मंे खर्च की गई राशि के विरूद्व लाखांे रूपए का समायोजन नहीं होने एवं जारी मस्टररोलांे के अनुपात मंे श्रमिकांे की वेज लिस्ट तैयार नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने चौहटन, बालोतरा, धोरीमन्ना पंचायत समिति के कार्यक्रम अधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश दिए है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि चौहटन पंचायत समिति मंे वर्ष 2010-11 मंे खर्च की गई राशि के विरूद्व 477 लाख रूपए का समायोजन बकाया है। यह न केवल गंभीर लापरवाही है बल्कि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी मंे आता है। पंचायत समितियांे द्वारा अत्यधिक राशि समायोजित नहींे करवाने की वजह से केन्द्र सरकार से वर्ष 2011-12 की प्रथम किश्त की राशि भी रिलीज नहीं हो पाई है। इसी तरह एमआईएस मंे चौहटन पंचायत समिति मंे 13089 मस्टरोल प्रिटिंग होने के साथ 10826 मस्टररोल भरे गए। यहां 1624 मस्टररोलांे मंे वेज लिस्ट जनरेट होने के साथ 1894 मस्टररोल कवर्ड हो पाए। इसी तरह बालोतरा पंचायत समिति मंे वर्ष 2010-11 मंे खर्च की गई राशि के विरूद्व 1434 लाख रूपए की राशि का समायोजन नहीं हो पाया है। राज्य सरकार ने असमायोजित राशि वर्ष 2009-10 तक के लिए 20 लाख रूपए से कम एवं वर्ष 2010-11 के लिए एक करोड़ से कम नहीं हो जाती है तब तक इन पंचायत समितियांे के कार्यक्रम अधिकारियांे, सहायक अभियंता, लेखाकार, संबंधित लेखा सहायक, संबंधित कनिष्ठ अभियंता एवं तकनीकी सहायकांे का अगस्त माह का वेतन आहरित नहीं करने के निर्देश दिए है। इसी तरह एमआईएस मंे बालोतरा पंचायत समिति मंे 14719 मस्टरोल प्रिटिंग होने के साथ 12460 मस्टररोल भरे गए। यहां 734 मस्टररोलांे मंे वेज लिस्ट जनरेट होने के साथ 1290 मस्टररोल कवर्ड हो पाए।  
जिला कलेक्टर गोयल ने बताया कि धोरीमन्ना पंचायत समिति वर्ष 2010-11 मंे खर्च की गई राशि के विरूद्व 1147.44 लाख रूपए की राशि समायोजित नहीं हो पाई है। यहां एमआईएस मंे 11226 मस्टरोल प्रिटिंग होने के साथ 9076 मस्टररोल भरे गए। यहां 231 मस्टररोलांे मंे वेज लिस्ट जनरेट होने के साथ 395 मस्टररोल कवर्ड हो पाए। मस्टररोलांे के संबंध मंे 31 जुलाई 2011 तक जारी मस्टररोलांे को मस्टररोलांे मंे दर्ज श्रमिकांे की उपस्थिति के अनुरूप वेज लिस्ट निर्धारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। 
 जिला कार्यक्रम समन्वयक के मुताबिक इन अधिकारियांे को प्रत्येक ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक को प्रत्येक माह के अंत मंे रोकड.बही एवं बैंक स्टेटमेंट के साथ बुलाने के साथ इसका परस्पर मिलान करने के निर्देश दिए गए है। प्रत्येक माह की रोकड़ पुस्तिका की एमआईएस मैनेजर की सहायता से एमआईएस फीडिंग करवाकर इसका प्रमाण पत्र रोकड़ पुस्तिका मंे लगाना होगा। यदि किसी माह मंे ग्राम पंचायत मंे सामग्री मद पर कोई व्यय नहीं हुआ है तो उसे भी रोकड़ बही मंे माह की अंतिम दिनांक को यह लेख किया जाए कि इस माह मंे ग्राम पंचायत ने कोई व्यय नहीं किया है। ताकि पीछे की तारीखांे मंे कोई व्यवहार नहीं किया जा सके।



मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना से लाभांवित करवा सकेंगे टांका निर्माण
 
मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना से लाभांवित परिवार वर्षा जल संग्रहण के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत टांका निर्माण करवा सकेंगे। राज्य सरकार के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजनान्तर्गत निर्माणाधीन अथवा इंदिरा आवास योजनान्तर्गत निर्माणाधीन आवास हेतु वर्षा जल संग्रहण स्ट्रक्चर अथवा टांका निर्माण कराया जा सकता है।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि इस कार्य का तकमीना पृथक से बनाना होगा। कार्य के लिए लाभार्थी को लिखित मंे आवेदन करना होगा। इसके लिए श्रम सामग्री का 60 अनुपात 40 रखते हुए अधिकतम राशि 1.50 लाख का व्यय कर लाभांवित किया जा सकता है। इस राशि मंे अपना खेत अपना काम के अन्तर्गत कराये गये/कराये जाने वाले कार्य, अन्य कराये कार्य तथा आवास हेतु वर्षा जल संग्रहण स्ट्रक्चर/टांके पर होने वाला व्यय शामिल है। जिला कलेक्टर के मुताबिक व्यक्तिगत लाभार्थी को इस कार्य पर काम करना होगा। साथ यह कार्य उस स्थिति मंे कराये जाएंगे कि सामग्री मद पर 40 प्रतिशत से अधिक व्यय होने की स्थिति मंे यह व्यय लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा तथा कार्य पूर्ण करना आवश्यक होगा।

ग्राम सभाआंे मंे बनेगी महात्मा गांधी नरेगा की वार्षिक कार्य योजना  

महात्मा गांधी नरेगा योजना की वार्षिक कार्य योजना मंे अपना खेत-अपना काम,चारागाह विकास के कार्य भी शामिल होंगे।

बाड़मेर, 06 सितंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजना की वर्ष 2012-13 की वार्षिक कार्य योजना निर्माण किया जाना है। इसके लिए ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर के कार्याें का तकनीकी रूप से उपयोगी होने संबंधित तकनीकी अभियंताआंे से परीक्षण करवाकर वार्षिक कार्य योजना मंे शामिल करने के निर्देश दिए गए है। ग्रामीण परिवारांे को मांग के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामवार सेल्स आफ प्रोजेक्ट तैयार करना होगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि वार्षिक कार्य योजना में महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के अन्तर्गत अनुमत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर सम्मिलित किया जाएगा। कार्य योजना तैयार करते समय निर्देश दिए गए है कि सर्व प्रथम वार्षिक कार्य योजना में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र सहित पूर्व वर्षो के अधूरे कार्यो को प्राथमिकता से पूर्ण कराने हेतु सम्मिलित किया जाए। इसके बाद ऐसे कार्य जो कि पूर्व की अनुमोदित कार्य योजना में सम्मिलित है परन्तु कार्य प्रारम्भ नहीं किये जा सकें एवं कार्य कराये जाने आवश्यक समझे जावे, को वार्षिक कार्य योजना में सम्मिलित किये जावें। इसके पष्चात् ‘‘अपना खेत अपना काम’’ के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्यो को सम्मिलित किये जावें। 
जिला कार्यक्रम समन्वयक के मुताबिक मुख्यमंत्री बजट घोषणा अनुसार चारागाह विकास, हरित राजस्थान, मरूस्थलीय जिलों में कमजोर वर्गो के भूमिहीन परिवारों के आबादी क्षेत्र में स्थित रिहायशी मकानों में वर्षा जल संग्रहण हेतु टांका निर्माण सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के साथ कन्वरजेन्स करते हुये शौचालय निर्माण एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय पर श्रम सामग्री का 60ः40 अनुपात संधारित करते हुये आबादी क्षेत्र में कीचड़ भरे मार्ग में पत्थर या इन्टरलाकिंग खरंजा एवं जल निकास की नाली निर्माण जैसे कार्य भी षामिल किए जा सकते है। उनके मुताबिक सृजित परिसम्पत्तियों के रख-रखाव के कार्य योजनान्तर्गत कराये जा सकते हैं। साथ ही अन्य योजनाओं में कराये गये कार्य जो कि योजनान्तर्गत अनुमत कार्यों में शामिल हैं, के अन्तर्गत सृजित सम्पत्तियों के रख-रखाव के कार्य भी इस योजनान्तर्गत कराये जा सकते हैं। 
जिला कलेक्टर के अनुसार लाईन विभाग के प्रस्तावित कार्य संबंधित विभाग द्वारा तैयार एटलस/मास्टर प्लान में होने चाहिए यथा एनीकट निर्माण का कार्य सिंचाईं विभाग के मास्टर प्लान तथा सड़क निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के मास्टर प्लान में सम्मिलित हों। अन्य कार्यकारी विभागों को भी ग्राम सभा की तिथि से अवगत कराने के साथ निर्देषित किया गया है कि ऐसे कार्य जो कि केवल एक ग्राम पंचायत क्षेत्र के है उन्हें ग्राम सभा के माध्यम से वार्षिक कार्य योजना में सम्मिलित किया जाए। इसी प्रकार एक से अधिक ग्राम पंचायत क्षेत्र के परन्तु एक ही पंचायत समिति क्षेत्र के कार्य होने की स्थिति में पंचायत समिति स्तर पर तथा एक से अधिक पंचायत समिति क्षेत्र के कार्य होने पर जिला परिषद स्तर पर सम्मिलित कराए जायें।
कार्य तकनीकी दृष्टि से हो व्यवहारिकः प्रस्तावित कार्य तकनीकी दृष्टि से व्यवहारिक होना चाहिये। इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिये एक टीम गठित की जाएगी। इस तकनीकी टीम में पंचायत समिति के सहायक/क0 अभियंता, सा.नि.वि. जल संसाधन, डीपीईपी/ एसएसए, वरिष्ठ/कनिष्ठ तकनीकी सहायक को शामिल कर टीम गठित करने हेतु कार्यक्रम अधिकारी/ विकास अधिकारी को अधिकृत किया गया है। इस टीम में वन विभाग से सम्बन्धित एक अधिकारी/ कर्मचारी को आवश्यक रूप से रखा जाएगा। वार्षिक कार्य योजना की बैठक से पूर्व 4 ग्राम पचंायत के हिसाब से कार्यक्रम निर्धारित किया जावे। कुल 12 कार्य दिवस में सभी ग्राम पंचायतें का निरीक्षण किया जा सकेगा। तकनीकी टीम प्रत्येक ग्राम में जाकर तकनीकी रूप से व्यवहारिक कार्यो का चिन्हीकरण कर इनकी अनुमानित लागत बताएगी। ताकि योजना के मार्गदर्षिका अनुसार वर्ष 2012-13 की कार्ययोजना बनाई जा सके। 
दो अक्टूबर तक होगा ग्राम सभाआंे का आयोजनः दिशा निर्देश 2008 के प्रावधानों के अनुसार सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन एक ही तिथि 2 अक्टूबर को किया जाना व्यावहारिक एवं उचित नहीं हैं। अतः ग्राम सभा का आयोजन इस प्रकार व्यवस्थित किया जाए कि 2 अक्टूबर, 2011 तक समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन पूर्ण हो जायें एवं पंचायत समिति क्षेत्र में प्रतिदिन 5 से अधिक ग्राम सभाओं का आयोजन नहीं हों। कार्यो का चयन करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जावे कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ही श्रम एवं सामग्री का अनुपात 60ः40 नियत किया जा सके। अनुमोदित सूची के आधार पर ग्राम पंचायत वार वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2012-13, 15 अक्टूबर .2011 तक तैयार कर कार्यक्रम अधिकारी/ विकास अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत कर दी जावे। वार्षिक कार्य योजना 2012-13 को बनाते समय यह ध्यान रखा जावे कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में हुए वास्तविक व्यय तथा 2011-12 के अनुमानित व्यय से दो गुणे से अधिक की लागत के कार्य योजनान्तर्गत प्रस्तावित नहीं किये जावें।  
ग्राम सभा की कार्यवाही होगी अपलोडः ग्राम सभा की संक्षिप्त कार्यवाही विवरण जिसमें यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित हो कि वार्षिक कार्य योजना एवं श्रम बजट 2012-13 का अनुमोदन किया जाता है, को योजना की अधिकृत वेबसाईट दतमहंण्दपबण्पद पर अपलोड किया जाना आवष्यक है। साथ ही ग्राम पंचायतवार श्रम बजट को भी उक्त वेबसाईट पर आवष्यक रूप से अपलोड किया जाना हैं। इसी तरह यह निर्देष दिए गए है कि  जनप्रतिनिधियों एवं विभागों को यह स्पष्ट कर दिया जावे कि वार्षिक कार्य योजना अनुमोदन हो जाने के उपरान्त कोई भी नया कार्य वित्तीय वर्ष 2012-13 में जोड़ा जाना अथवा कराया जाना संभव नहीं होगा।
 
  
वार्षिक कार्य योजना समयबद्व प्रस्तावित कार्यक्रम
    1. ग्राम सभा द्वारा कार्याे का चयन                           2 अक्टुबर तक।
    2. ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा की सिफारिष के अनुसार सेल्फ 
      तैयार करना एंव कार्यक्रम अधिकारी को प्रस्तुत करना ।       15 अक्टुबर तक।
    3. कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पंचायतों से प्राप्त सेल्फ का संकलन 
      कर ब्लॉक प्लान तैयार करना                             15 नवम्बर तक। 
    4. पंचायत समिति से ब्लॉक प्लान का अनुमोदन कराना एंव जिला
      कार्यक्रम समन्वयक को प्रस्तुत करनाा।                      30 नवम्बर तक ।
       5. जिला परिषद से वार्षिक कार्य योजना का अनुमोदन प्राप्त करना  31 दिसम्बर तक ।
    6. जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा अनुमोदित श्रम बजट को तुरन्त राज्य सरकार को प्रेषित करना, ताकि राज्य सरकार द्वारा 31 जनवरी तक श्रम बजट केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जा सकें। 

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